इजराइल में महाराजा दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी की प्रतिमा का अनावरण किया गया

इजराइल में महाराजा दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी की प्रतिमा का अनावरण किया गया

इजराइल में महाराजा दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी की प्रतिमा का अनावरण किया गया
Modified Date: November 11, 2025 / 06:49 pm IST
Published Date: November 11, 2025 6:49 pm IST

(हरिंदर मिश्रा)

नेवातिम(इजराइल), 11 नवंबर (भाषा)महाराजा दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी की प्रतिमा का अनावरण दक्षिणी ‘मोशाव’ (किसानों का समुदाय) में किया गया। यह सम्मान उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कुछ यहूदियों सहित असहाय पोलिश बच्चों को बचाने के उनके प्रयासों के लिए दिया गया।

भारत में एक रियासत, नवानगर के महाराजा को युद्ध के दौरान उनकी ‘अनुकरणीय करुणा’ के लिए सोमवार शाम को भारतीय यहूदी विरासत केंद्र (आईजेएचसी) और कोचीनी यहूदी विरासत केंद्र (सीजेएचसी) द्वारा सम्मानित किया गया। नवानगर को अब गुजरात राज्य में जामनगर के रूप में जाना जाता है।

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द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जब यूरोप संघर्ष और उत्पीड़न की आग में झुलस रहा था, तब महाराजा एक अप्रत्याशित रक्षक के रूप में उभरे और उन्होंने लगभग एक हजार पोलिश बच्चों को बचाया, जिनमें से कुछ यहूदी थे।

उन्होंने इन बच्चों को गोद लिया और 1942 में जामनगर के बालाचडी गांव में उनके लिए आश्रय बनवाया, जिससे उन्हें युद्ध की भयावहता से बचाया जा सके।

समारोह में उपस्थित इजराइल में भारत के राजदूत जे पी सिंह ने ‘‘महाराजा की करुणा’’ को रेखांकित किया और उन्हें ‘आशा की किरण’ बताया तथा याद दिलाया कि मानवता सभी सीमाओं से ऊपर उठती है।

इजराइल में पोलैंड के राजदूत मैसीज हुनिया ने भी समारोह में भाग लिया और इसे ‘एक बहुत ही भावुक क्षण’ बताया।

पोलैंड के राजदूत ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनके परिवार के कुछ सदस्यों को भी भयावह स्थिति का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि जब उनके देश के प्रधानमंत्री ने महाराजा से पूछा कि वे उनके इस महान कार्य के ऋण को कैसे चुका सकते हैं, तो उन्होंने कहा था कि स्वतंत्र पोलैंड के वारसॉ में एक सड़क का नाम उनके नाम पर रखा जाए।

पोलिश राजदूत ने कहा, ‘‘आज न केवल उनके नाम पर एक चौक है, बल्कि पश्चिमी शहर में एक स्मारक और एक ट्राम का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है।’’

इस मौके पर दो प्रदर्शनी भी लगाई गईं, जिनमें नेहेमिया शाहफ द्वारा भारतीय यहूदी विरासत के चित्र तथा टिकजा लवी द्वारा ‘अंधेरे समय में प्रकाश की किरण’ शीर्षक से एक अन्य प्रदर्शनी शामिल है।

भाषा धीरज दिलीप

दिलीप


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