तालिबान ने अल्पसंख्यक शिया परिवार के छह लोगों की हत्या की: एमनेस्टी

तालिबान ने अल्पसंख्यक शिया परिवार के छह लोगों की हत्या की: एमनेस्टी

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  • Publish Date - September 16, 2022 / 09:48 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

इस्लामाबाद, 16 सितंबर (एपी) एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह ने अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक शिया परिवार के उन छह सदस्यों के बारे में एक भयावह रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की, जिनकी इस गर्मी की शुरुआत में तालिबान ने हत्या कर दी थी।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अफगानिस्तान के नए शासकों पर मानवाधिकारों की घोर अवहेलना और अल्पसंख्यकों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

समूह ने कहा कि मारे गए लोगों में 12 साल का एक बच्चा भी शामिल है। उसने कहा कि ये हत्याएं 26 जून को घौर प्रांत में हुईं, जो इस बात का सबूत है कि कैसे तालिबान एक साल पहले सत्ता पर कब्जा करने के बाद से एक समावेशी सरकार स्थापित करने में विफल रहा है।

एमनेस्टी के अनुसार, 26 जून की रात को तालिबान बलों ने घौर में एक हजारा समुदाय और एक पूर्व सुरक्षा अधिकारी मोहम्मद मुरादी के घर पर हमला किया। मुरादी ने एक स्थानीय मिलिशिया का भी नेतृत्व किया था जिसने 2020 और 2021 में तालिबान से लड़ाई लड़ी थी।

तालिबान के कब्जा करने के बाद, मुरादी ने ईरान भागने का प्रयास किया था, लेकिन वह असफल रहा और हाल में घौर में लाल-वा सरजंगल जिले में घर लौट आया जहां वह छिपा हुआ था।

एमनेस्टी की रिपोर्ट में प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा गया है कि तालिबान का हमला रात में शुरू हुआ, जिसमें मुरादी के घर पर रॉकेट संचालित हथगोले फेंके गए, जिसमें उनकी 22 वर्षीय बेटी ताज गुल मुरादी की तुरंत मौत हो गई।

रिपोर्ट के अनुसार मुरादी खुद और दो अन्य बच्चे, एक बेटा और एक बेटी (12) शुरू में घायल हो गए थे और इसके बाद बेटी की मौत हो गई थी।

इसके अनुसार घायल मुरादी ने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था, लेकिन उसे घर से बाहर खींच कर मार डाला गया।

एमनेस्टी ने कहा कि तीन अन्य लोग – मुरादी के भतीजे, गुलाम हैदर मोहम्मदी, और दो अन्य रिश्तेदार भी मारे गए थे।

एमनेस्टी ने कहा कि उसकी रिपोर्ट आठ अलग-अलग साक्षात्कारों और हत्याओं के बाद ली गई तस्वीरों और वीडियो फुटेज के विश्लेषण पर आधारित है।

एमनेस्टी के महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने कहा, ‘‘तालिबान को ये हत्याएं बंद कर सभी अफगानों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।’’

एमनेस्टी की रिपोर्ट पर तालिबान से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।

एपी

देवेंद्र नरेश

नरेश