यूरोप के सबसे बड़े लगून के सरंक्षण के लिए संघर्ष करने वालीं टेरेसा विसेंट को ‘ग्रीन नोबल’ पुरस्कार

यूरोप के सबसे बड़े लगून के सरंक्षण के लिए संघर्ष करने वालीं टेरेसा विसेंट को ‘ग्रीन नोबल’ पुरस्कार

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  • Publish Date - April 29, 2024 / 04:53 PM IST,
    Updated On - April 29, 2024 / 04:53 PM IST

लॉस एंजिलिस, 29 अप्रैल (एपी) यूरोप के सबसे बड़े लगून के सरंक्षण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वालीं पर्यावरण कार्यकर्ता टेरेसा विसेंट ने गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार जीता है, जिसे ‘ग्रीन नोबेल’ के नाम से जाना जाता है।

अपने पुराने दिनों को याद करते हुए विसेंट कहती हैं कि उस समय वह स्पेन के मार मेनोर में बिल्कुल स्वच्छ पानी में तैरती थीं और समुद्री जीव उसमें साफ नजर आते थे लेकिन खनन और विकास कार्यों की वजह से होने वाले दीर्घकालिक प्रदूषण ने यूरोप के सबसे बड़े, खारे पानी के लगून को लगभग बर्बाद कर दिया।

समुद्री तटों पर ज्वार की वजह से जब पानी की लहरें उठती हैं तो पानी तट पार कर आगे सूखे हिस्से में आ जाता है। लेकिन बाद में यह पानी भाटा के समय वापिस समुद्र में नहीं जाता। इस पानी के अवशोषण के कारण जमीन का यह भाग सतह से थोड़ा नीचे चला जाता है और झील बन जाती है जिसे लगून कहते हैं।

वर्ष 2019 में बड़े पैमाने पर मछलियों की मौत ने दर्शनशास्त्र की प्रोफेसर विसेंट को लगून के सरंक्षण के लिए कार्य करने को प्रेरित किया।

अगले कुछ वर्षों में 61 वर्षीय विसेंट ने क्षेत्र की पारिस्थितिकी की दृष्टि से अहम जलक्षेत्र लगून को खत्म होने से बचाने के लिए जमीनी स्तर के एक अभियान का नेतृत्व किया।

विसेंट के प्रयासों से 2022 में एक नया कानून पारित होने में मदद मिली, जिससे लगून को संरक्षण और क्षति निवारण का कानूनी अधिकार मिल गया।

एपी शफीक मनीषा

मनीषा