Methane leaks inside the Baltic Sea: न्यूयॉर्क/लंदन। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम में कहा गया कि बाल्टिक सागर के तल पर नॉर्ड स्ट्रीम नैचुरल गैस पाइपलाइन सिस्टम के टूटने से क्लाइमेट के लिए हानिकारक मीथेन लीक की सबसे बड़ी घटना होने की आशंका है। UNEP के इंटरनेशनल मीथेन एमिशन ऑब्जरवेटरी (IMEO) ने कहा है कि अत्यधिक कंसेनट्रेटेड मीथेन निकल रहा है। यह घटना किसी वैश्विक समस्या से कम नहीं है।
प्रति घंटे निकल रही है 23 हजार किलोग्राम मीथेन
IMEO के प्रमुख मैनफ्रेडी काल्टाजिरोन ने कहा कि यह बेहद बुरी घटना है।उन्होंने कहा कि यह मीथेन लीक की अब तक की सबसे बड़ी घटना है। दुनिया भर में मीथेन पर नजर रखने वाली सैटेलाइट GHGSat के अनुसार यहां से करीब 23 हजार किलोग्राम मीथेन हर घंटे निकल रही है।
Read more: भिलाई स्टील प्लांट में बड़ा हादसा..! भागकर कर्मियों ने बचाई जान
Methane leaks inside the Baltic Sea: नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन की कंपनी के मुताबिक, पिछले 4 दिनों से मीथेन लीक की स्पीड इतनी ज्यादा है कि उसे ठीक करना मुश्किल होगा। यहां जो मीथेन लीक हो रहा है वो पिछले साल दिसंबर में मेक्सिको की खाड़ी में हुए ऑफशोर ऑयल एंड गैस फील्ड लीक से ज्यादा भयावह और तेज है।
बाल्टिक सागर के Eco-System को प्रभावित कर रहा है ब्लास्ट
Methane leaks inside the Baltic Sea: बाल्टिक सागर में पिछले चार दिन से हो रही मीथेन लीक का असर सागर के इकोसिस्टम पर पड़ रहा है। जल्द ही अगर उस समाधान नहीं हुआ तो सागर में रहने वाले जीव-जंतुओं पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा रहा है। यूएन ने मीथेन लीक के कारण हो रहे ब्लास्ट को कई टीएनटी बमों के बराबर बताया है।
यमन में हिंसा के बीच हवाई पट्टी बनाए जाने के…
2 hours ago