तालिबान अफगानिस्तान में पर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिश में लगे हैं

तालिबान अफगानिस्तान में पर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिश में लगे हैं

  •  
  • Publish Date - April 30, 2024 / 02:41 PM IST,
    Updated On - April 30, 2024 / 02:41 PM IST

काबुल, 30 अप्रैल (एपी) काबुल की एक कक्षा में करीब 30 लोग बैठे हैं जो पर्यटन एवं आतिथ्य पेशेवरों को प्रशिक्षण देने वाले तालिबान संचालित एक संस्थान के पहले बैच का हिस्सा हैं।

इन प्रशिक्षुओं में विभिन्न तरह के लोग हैं। एक प्रशिक्षु मॉडल है। दूसरा 17 साल का है और इससे पहले किसी पेशे में नहीं था।

ये प्रशिक्षु भिन्न-भिन्न उम्र के, शिक्षा स्तर और पेशेवर अनुभव वाले हैं। लेकिन सभी पुरूष हैं तथा उन्हें पर्यटन एवं आतिथ्य का कोई ज्ञान नहीं है। लेकिन वे सभी अफगानिस्तान के एक अलग पक्ष को बढ़ावा देने के इच्छुक हैं और तालिबान खुशी से उनकी मदद कर रहा है। अफगान महिलाओं के छठी कक्षा से आगे पढ़ने पर रोक है।

अफगानिस्तान के शासक वैश्विक मंच पर अलग-थलग हैं और उसकी काफी हद तक वजह महिलाओं एवं लड़कियों पर उनकी पाबंदियां हैं। देश की अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही है, बुनियादी ढांचा बदहाल स्थिति में है तथा गरीबी चहुंओर है।

उसके बाद भी विदेशी देश में आते हैं क्योंकि हिंसा काफी घट गयी है एवं दुबई जैसे प्रमुख केंद्रों से उड़ान संपर्क बढ़ गया है। वैसे पर्यटकों की संख्या अधिक नहीं है, कभी रही भी नहीं, लेकिन अफगान पर्यटन को लेकर चर्चा जरूर रहती है।

वर्ष 2021 में अफगानिस्तान में 691 विदेशी पर्यटक आये थे। वर्ष 2022 में उनकी संख्या बढ़कर 2300 तथा पिछले साल 7000 हो गयी।

काबुल में पर्यटन निदेशालय के प्रमुख मोहम्मद सईद ने कहा कि सबसे बड़ा विदेशी आंगुतक बाजार चीन है और उसकी वजह उसकी इस देश से नजदीकी एवं बड़ी जनसंख्या है।

सईद ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझसे कहा कि वे पाकिस्तान नहीं जाना चाहते हैं क्योंकि वह खतरनाक है और उन पर हमला हो जाता है। जापानियों ने भी मुझसे यही बात कही। यह हमारे लिए अच्छी बात है।’’

लेकिन कुछ कमियां भी हैं। वीजा संबंधी दिक्कते हैं। कई देशों ने तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान के साथ संबंध खत्म कर लिये। कोई भी देश तालिबान को देश के वैध शासक के रूप में मान्यता नहीं देता है।

एपी

राजकुमार मनीषा वैभव

वैभव