टेक्सास के विश्वविद्यालय ने ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया स्टडीज़’ के साथ साझेदारी की घोषणा की |

टेक्सास के विश्वविद्यालय ने ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया स्टडीज़’ के साथ साझेदारी की घोषणा की

टेक्सास के विश्वविद्यालय ने ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया स्टडीज़’ के साथ साझेदारी की घोषणा की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : May 27, 2022/4:34 pm IST

(सीमा हाकू काचरू)

ह्यूस्टन, 27 मई (भाषा) अमेरिकी में टेक्सास सदर्न यूनिवर्सिटी (टीएसयू) और ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया स्टडीज़’ (एफआईएस) ने विश्वविद्यालय के स्नातक स्कूल के लिए भारत अध्ययन कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। इसका मकसद अमेरिका, खासकर, ह्यूस्टन शहर में भारत को लेकर अध्ययन को बढ़ावा देना है।

टीएसयू ने कहा कि अमेरिका में भारत के अध्ययन को बढ़ावा देने वाली यह साझेदारी फाउंडेशन के सहयोग से विश्वविद्यालय में भारत केंद्रित कार्यक्रमों का विकास और कार्यान्वयन करेगी।

विज्ञप्ति के मुताबिक, कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक और शैक्षणिक संगोष्ठियां और सम्मेलन आदि होंगे और अतिथि वक्ता भारत में मुक्ति के लिए संघर्ष व अमेरिका में समानता के लिए अफ्रीकी अमेरिकी संघर्ष के बीच संबंध पर जोर देंगे।

एफआईएस के संस्थापक अध्यक्ष कृष्ण वविल्ला ने बताया, “इस साझेदारी के साथ, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक विरासत को कायम रखना चाहते हैं ताकि भारतीयों के योगदान के बारे में मुख्यधारा के समुदाय से अधिक समझ मिल सके।”

‍उन्होंने कहा, “ जब मैं पहली बार ह्यूस्टन आया था, तब भारतीयों की आबादी सिर्फ 20,000 थी। यह तब से अविश्वसनीय रूप से बढ़ी है। वे शहर को आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कर रहे हैं। हम भारत को शिक्षा में शामिल करने के टीएसयू की कोशिश का समर्थन करने के लिए यहां हैं।”

साझेदारी का एक अन्य उद्देश्य विश्वविद्यालय समुदाय में भारत और भारतीय अमेरिकियों के बारे में ज्ञान को बढ़ावा देना और भारत और भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ संबंधों को बढ़ावा देना है ताकि छात्र और संकाय सदस्यों के आदान-प्रदान में मदद मिल सके।

टीएसयू ग्रेजुएट स्कूल के डीन डॉ ग्रेगरी मैडॉक्स ने कहा, “टीएसयू का मिशन हमारे छात्रों को वैश्विक नागरिक बनने के लिए तैयार करना और दुनिया भर के समाजों की जटिलता को समझना है।”

विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय सभ्यता से लेकर वैश्विक इतिहास को समझना अहम है, खासकर, महात्मा गांधी और मार्टिन लूटर किंग जूनियर के अहिंसा के प्रति प्रतिबद्धता के नजरिए से। भाषा नोमान पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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