महिला ने  एडल्ट फेस्टिवल में लिया हिस्सा, कहा- 150 अजनबियों के साथ समय बिताने के बाद बदल गई जिंदगी

महिला ने  एडल्ट फेस्टिवल में लिया हिस्सा, कहा- 150 अजनबियों के साथ समय बिताने के बाद बदल गई जिंदगी

  •  
  • Publish Date - May 24, 2021 / 04:01 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

अमेरिका: एक कॉमेडियन, राइटर और परफॉर्मर ने अपनी नई किताब को लेकर इन दिनों सुर्खियों में है। दरअसल उन्होंने किताब में अपनी सेक्स लाइफ को लेकर अहम खुलासा किया है।फ्रेन बुश नाम की इस लेखिका ने अपनी किताब में बताया है कि उन्होंने 150 अजनबियों के साथ एडल्ट फेस्टिवल में हिस्सा लिया था। इस फस्टिवल में जाने के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। 

Read More: रमन सिंह ने अपने जवाब में पुलिस को किया गुमराह, अपना गुनाह भी किया कुबूल : कांग्रेस

फ्रेन ने बताया कि उन्हें अपने पार्टनर्स के साथ संबंध बनाते वक्त काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इस बारे में कुछ डॉक्टर्स से सलाह भी ली थी लेकिन सब उन्हें कहते थे कि उन्हें थोड़ा रिलैक्स करने की जरूरत है और अगर तब भी चीजें बेहतर ना हों तो वे शराब के साथ कोशिश कर सकती हैं।

Read More: धावक मिल्खा सिंह हुए कोरोना संक्रमित, अस्पताल में हुए भर्ती, हालत स्थिर

हालांकि फ्रेन के लिए कोई भी चीज काम नहीं कर रही थी और वे लगातार सेक्स को लेकर बेहद असहज महसूस कर रही थीं। इसके बाद ही उन्होंने कॉन्शियस सेक्शुएलिटी फेस्टिवल के बारे में जाना। इस फेस्टिवल में 150 लोग थे और इस कैंप में कई तरह के वर्कशॉप डिजाइन किए गए थे जो उन्हें मानसिक और शारीरिक तौर पर बेहतर महसूस करा सकते थे।

Read More: कोरोना जांच करवाने से मना करने पर बौखलाए अधिकारी, लड़के को पीटा बेरहमी से

फ्रेन ने कहा कि इस फेस्टिवल में कोई भी सेक्शुएल रिश्ते नहीं बना सकता था बल्कि उसके अलावा कुछ और ऑल्टरनेटिव थेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल में किसी भी इंसान के माइंडसेट के हिसाब से ही उनके साथ डील किया जा रहा था। यहां आकर मुझे काफी रिलैक्स महसूस हो रहा था।

Read More: रायपुर में फोम- गद्दे के गोदाम में लगी भीषण आग, मोवा इलाके की मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों में भर रहा धुंआ

फ्रेन ने अपनी किताब में बताया है कि फेस्टिवल में बेहद रिलैक्सिंग म्यूजिक, खुशबूदार कैंडल्स, मसाज और हग थेरेपी ने उन्हें बहुत सुकून दिया। इसके बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। उन्होंने कहा कि मैं इस फेस्टिवल में अजनबियों के बीच किसी भी तरह से असहज महसूस नहीं कर रही थी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा का ये भाव उन्हें मानसिक तौर पर मदद कर रहा था और वे अपने बचपन के ट्रॉमा को हील कर पा रही थीं।

Read More: पुलिस-नक्सलियों के बीच मुठभेड़, घटनास्थल से नक्सली सामान और नगदी बरामद