इस बुजुर्ग ने जेल में जाकर कायम की ऐसी मिसाल, जो युवाओं के लिए बन गया आईकॉन

इस बुजुर्ग ने जेल में जाकर कायम की ऐसी मिसाल, जो युवाओं के लिए बन गया आईकॉन
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: September 3, 2022 7:36 pm IST

90 year old bodybuilder : कॉमिला – आज के समय में आपने कई बॉडीबिल्डर देखें होंगे और देखा जाए तो आज के समय में बॉडी बडाने का शौक सबसे ज्यादा युवाओं को होता हैं। जिसके लिए युवा की कई तरह का प्रोटीन और जिम में कई घंटों अपना पसीना बहाते हुए दिखते है। लेकिन क्या होगा जब आपको बताया जाए कि एक 90 साल के बुजुर्ग ने अपनी बॉडी बनाई और उनका नाम था मनोहर एच। कहा जाता है मनोहर ऐच ने एशियन गेम्स में तीन गोल्ड मेडल और जीते थे और मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीतने वाले वह दूसरे भारतीय थे। केवल यही नहीं बल्कि वह काफी सिंपल खाना खाते थे लेकिन उन्होंने अपने शरीर को इस तरह बना लिया था कि अच्छे-अच्छे पहलवान उनके सामने फेल थे।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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90 year old bodybuilder : आपको बता दें कि मनोहर ऐच का जन्म 17 मार्च, 1913 को कोमिला जिले के पुटिया गांव में हुआ था, जो उस समय ब्रिटिश भारत का हिस्सा था और अब बांग्लादेश में है। वहीं मनोहर ऐच ने अपना करियर महान जादूगर पीसी सोरकर के साथ एक स्टंटमैन के रूप में शुरू किया था। कहा जाता है वह दांतों से स्टील की सलाखों को मोड़ सकते थे और 1000 पेज की किताब को हाथों से फाड़ सकते थे। केवल यही नहीं बल्कि वह ‘पॉकेट हरक्यूलिस’ के नाम से मशहूर थे। जी हाँ, बॉडी बिल्डिंग के बारे में बात करें तो मनोहर ऐच ने 39 साल की उम्र में बॉडी बिल्डिंग की शुरुआत की थी और उसके बाद मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता जीती थी।

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90 year old bodybuilder : उसके बाद साल 1951 में वह मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे लेकिन 1952 में शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीता था। मनोहर ऐच ने अपना आखिरी बॉडी बिल्डिंग कॉम्पिटिशन 2003 में खेला था और उस समय उनकी उम्र 90 साल थी। कहा जाता है मनोहर ऐच 1942 में एयर फोर्स में भर्ती हुए थे हालाँकि एक ब्रिटिश अधिकारी को थप्पड़ मार देने के कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया था। वहीं जेल में रहते हुए मनोहर ऐच 12 घंटे वेट ट्रेनिंग करते थे, इसके लिए ब्रिटिश अधिकारियों ने उनके लिए खास डाइट की व्यवस्था की थी। और उनके अच्छे व्यवहार के कारण उन्हें एक या दो साल बाद रिहा कर दिया था। उन्होंने जेल में जो फिजिक बनाई थी, उसके साथ ही 1950 में मिस्टर हरक्यूलिस कॉम्पिटिशन जीता था।

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years