(ललित के झा)
शिकागो, 16 जून (भाषा) भारत में हाल में संपन्न लोकसभा चुनावों के परिणामों पर निराशा व्यक्त करते हुए एक प्रतिष्ठित भारतीय अमेरिकी ने शनिवार को कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं के लिए आत्मचिंतन का समय है न कि जीत का जश्न मनाने का।
‘ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ भाजपा यूएसए’ द्वारा आयोजित विजय समारोह के दौरान डॉ. भरत बरई ने पार्टी के सदस्यों से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा ने भारत में जो काम किया है उसके लिए उन्हें 400 सीट मिलनी चाहिए थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तो अब सवाल यह है कि क्या हमें आत्मचिंतन करने की कोशिश करनी चाहिए, यह देखने की कोशिश करनी चाहिए कि ऐसा क्यों नहीं हुआ?’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम सिर्फ जश्न मनाते रहेंगे तो अगली बार यह सुनने को मिलेगा कि महाराष्ट्र से भाजपा बाहर हो चुकी है। इसलिए, हमारे लिए यह आत्ममंथन करना बेहद जरूरी है कि 400 सीट मिलने के बजाय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को सिर्फ 292 सीट ही क्यों मिलीं? और पिछले चुनावों में जब भाजपा पूर्ण बहुमत में थी तो इस बार 240 सीट ही क्यों मिलीं?’’
डॉ. बरई ने कहा, ‘‘इसलिए हमें अब बधाई देने के बजाय आत्ममंथन करना चाहिए और इससे हमें यह रणनीति बनाने में मदद मिलेगी कि अगली बार हमें किस तरह के कदम उठाने चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा के संस्थापकों का विचार था कि यह ‘‘भारत माता’’ की सेवा करनेवाली पार्टी होगी और इसमें मित्रों तथा परिवार वालों को उच्च पदों पर नियुक्त करने, निगमों से धन अर्जित करने, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसे काम नहीं होंगे।
डॉ. बरई ने कार्यक्रम में कहा, ‘‘अगर भाजपा या कोई भी पार्टी ऐसा करती है तो वह भ्रष्ट और सांप्रदायिक कांग्रेस पार्टी से अलग नहीं है। दुर्भाग्य की बात है कि निचले स्तर पर भ्रष्टाचार अब भी जारी है। हालांकि, आप मोदी या उनके मंत्रियों को भ्रष्ट नहीं कह सकते, लेकिन आरोप हैं और मुझे नहीं पता कि उनमें सच्चाई है या नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस बात पर जोर देना जरूरी है कि भाजपा एक अलग पार्टी है जिसके लिए सत्ता का मतलब लोगों की सेवा करना है।’’
इस कार्यक्रम में शिकागो क्षेत्र और उसके आस-पास के भारतीय अमेरिकी ने भाग लिया।
भाषा खारी शोभना
शोभना