ब्रिटेन ने ब्रैक्जिट विवाद में उत्तरी आयरलैंड पर ईयू के दृष्टिकोण को आक्रामक बताया

ब्रिटेन ने ब्रैक्जिट विवाद में उत्तरी आयरलैंड पर ईयू के दृष्टिकोण को आक्रामक बताया

ब्रिटेन ने ब्रैक्जिट विवाद में उत्तरी आयरलैंड पर ईयू के दृष्टिकोण को आक्रामक बताया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:33 pm IST
Published Date: June 13, 2021 4:18 pm IST

फलमाउथ (इंग्लैंड), 13 जून (एपी) जी 7 सम्मेलन पर ब्रैक्जिट की छाया बने रहने के बीच ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ (ईयू) पर यह ‘आक्रामक’ दृष्टिकोण अपनाने का आरोप लगाया है कि उत्तरी आयरलैंड पूरी तरह ब्रिटेन का हिस्सा नहीं है ।

ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ब्रैक्जिट के बाद के व्यापार प्रबंधों को लेकर उलझे हुए हैं जिससे ब्रिटेन के अंग उत्तरी आयरलैंड में सौसेज (मांस का एक विशेष व्यंजन) की पहुंच प्रतिबंधित हो सकती है। यूनाइटेड किंगडम का उत्तरी आयरलैंड एकमात्र वह हिस्सा है जिसकी सीमा 27 देशों के संगठन ईयू से मिलती है। इस विवाद से उत्तरी आयरलैंड में राजनीतिक तनाव पैदा हो रहा है जहां कुछ लोग अपने आप को ब्रिटिश, तो कुछ आयरिश मानते हैं।

ब्रिटिश मीडिया के अनुसार इंग्लैंड के कार्बिस बे में जब सम्मेलन के मौके पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुअल मैंक्रो से मिले तो उन्होंने उनसे सवाल किया कि यदि टॉलोजी से सौसेज को पेरिस नहीं पहुंचने दिया जाए तो वह कैसा महसूस करेंगे।

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इस पर मैंक्रो ने कहा कि यह तुलना सही नहीं है क्योंकि पेरिस और टॉलोजी तो एक ही देश के हिस्से हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने इस बात से इनकार नहीं किया कि मैक्रों ने ऐसी टिप्पणियां की है। उसने कहा कि वह यह बता रहे थे ‘‘कि टॉलोजी और पेरिस क्षेत्रीय भौगोलिक एकरूपता में हैं जबकि उत्तरी आयरलैंड द्वीप पर है । राष्ट्रपति इस बात पर जोर देना चाहते थे कि स्थिति बिल्कुल भिन्न है और इस प्रकार की तुलना उपयुक्त नहीं है। ’’

ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक राब ने कहा कि उत्तरी आयरलैंड के ब्रिटेन का अभिन्न हिस्सा नहीं होने का दृष्टिकोण ‘‘ न केवल आक्रामक है बल्कि इसका उत्तरी आयरलैंड के समुदायों पर असली वैश्विक असर है, इससे बड़ी चिंता और डर पैदा हो सकता है।’’

एपी राजकुमार प्रशांत

प्रशांत


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