ब्रिटेन पर पड़ रहा भारतीय यात्रियों के लिये जारी कोविड टीकाकरण नियम की समीक्षा का दबाव |

ब्रिटेन पर पड़ रहा भारतीय यात्रियों के लिये जारी कोविड टीकाकरण नियम की समीक्षा का दबाव

ब्रिटेन पर पड़ रहा भारतीय यात्रियों के लिये जारी कोविड टीकाकरण नियम की समीक्षा का दबाव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:10 PM IST, Published Date : September 20, 2021/10:24 pm IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 20 सितंबर (भाषा) ब्रिटेन सरकार पर भारत से आने वाले यात्रियों के लिए अपने कोविड-19 टीके को लेकर तय नियम की समीक्षा करने का दबाव बढ़ रहा है। अगले महीने से प्रभावी होने वाले अद्यतन नियम के अनुसार विभिन्न देशों के टीकों को लेकर जारी विस्तृत सूची में भारतीय टीकों को मान्यता नहीं दी गई है।

दरअसल, ब्रिटेन की यात्रा के संबंध में फिलहाल लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग अलग सूचियां बनाई गई हैं। खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग अलग सूची में रखा गया है। चार अक्टूबर से सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी। लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन की यात्रा पर पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। भारत अब भी एम्बर सूची में है।

ऐसे में एम्बर सूची को खत्म करने का मतलब है कि केवल कुछेक यात्रियों को ही पीसीआर जांच से छूट मिलेगी। जिन देशों के कोविड-19 टीकों को ब्रिटेन में मंजूरी होगी उसमें भारत शामिल नहीं है। इसका मतलब यह है कि जो भारतीय सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड टीका लगवा चुके होंगे उन्हें अनिवार्य रूप से पीसीआर जांच करानी होगी तथा तय पतों पर पृथकवास में रहना होगा।

ब्रिटेन में नेशनल इंडियन स्टूडेंट एंड एलुमनाई यूनियन (एआईएसएयू) की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा, “भारतीय छात्र इस बात से परेशान हैं कि उन्हें लगता है कि यह एक भेदभावपूर्ण कदम है क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय संघ के उनके समकक्षों की तुलना में उनके साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है।”

भारत सरकार ने पहले ही कहा है कि वह ”पारस्परिक आधार” पर भारत के वैक्सीन प्रमाणन को मान्यता देने के लिए कई देशों के साथ काम कर रही है।

ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार ने पिछले सप्ताह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान इस मामले को उठाया था।

वहीं, ब्रिटेन सरकार के स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल विभाग (डीएचएससी) ने कहा कि इस सूची की हर पखवाड़े समीक्षा की जाती है। हालांकि, डीएचएससी का कहना है कि ब्रिटेन की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) ने अब तक ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के भारत-निर्मित संस्करण को ‘वैक्सजेवरिया’ के रूप में स्वीकार किया है और इसलिए वर्तमान में केवल इसी टीके को मंजूरी प्राप्त है।

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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