संयुक्त राष्ट्र ने ईरान से प्रदर्शनकारियों पर ‘अवांछित बल प्रयोग’ से बचने को कहा |

संयुक्त राष्ट्र ने ईरान से प्रदर्शनकारियों पर ‘अवांछित बल प्रयोग’ से बचने को कहा

संयुक्त राष्ट्र ने ईरान से प्रदर्शनकारियों पर ‘अवांछित बल प्रयोग’ से बचने को कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : September 28, 2022/4:23 pm IST

दुबई, 28 सितंबर (एपी) ईरान में पुलिस हिरासत में एक महिला की मौत को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शनों के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनिया गुतारेस ने बुधवार को तेहरान से प्रदर्शनकारियों पर ‘अवांछित और अनुपयुक्त बल प्रयोग’ से बचने का आह्वान किया।

गुतारेस ने अपने प्रवक्ता के माध्यम से कहा कि अधिकारियों को 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के मामले में तेजी से निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। पुलिस हिरासत में अमीनी की मौत के विरोध में राजधानी तेहरान सहित ईरान के कई प्रांतों में प्रदर्शन हो रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान जारी कर कहा, “हम प्रदर्शन के दौरान मारे जा रहे लोगों की संख्या में वृद्धि से जुड़ी खबरों को लेकर बेहद चिंतित हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।”

उन्होंने कहा, “हम एक स्वतंत्र एवं सक्षम प्राधिकारी द्वारा महसा अमीनी की मौत के मामले की त्वरित, निष्पक्ष एवं प्रभावी जांच कराने की आवश्यकता पर जोर देते हैं।”

अमीनी की मौत को लेकर 17 सितंबर से जारी विरोध-प्रदर्शनों की आंच ईरान के कम से कम 46 शहरों, कस्बों और गांवों तक फैल चुकी है। सरकारी टीवी चैनल पर प्रसारित खबर के मुताबिक, विरोध-प्रदर्शन के दौरान अब तक कम से कम 41 प्रदर्शनकारी और पुलिस कर्मी मारे जा चुके हैं।

वहीं, ‘द एसिसोसिटेड प्रेस’ ने आधिकारिक बयान के हवाले से कम से कम 14 लोगों की मौत होने और 1,500 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी दी है।

इस बीच, न्यूयॉर्क स्थित कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने कहा है कि अमीनी की मौत और उसके विरोध में हो रहे प्रदर्शनों की कवरेज करने वाले कम से कम 23 पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

सीपीजे ने बुधवार को एक बयान जारी कर ईरानी अधिकारियों से गिरफ्तार पत्रकारों को ‘तत्काल’ रिहा करने की मांग की।

दुजारिक ने यह भी कहा कि गुतारेस ने 22 सितंबर को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से हुई मुलाकात में मानवाधिकारों का सम्मान करने पर जोर दिया, जिनमें अभिव्यक्ति की आजादी और शांतिपूर्ण ढंग से एकत्रित होने का अधिकार शामिल है।

एपी पारुल माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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