संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ‘‘तेजी से’’ उत्सर्जन घटाने की अपील की |

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ‘‘तेजी से’’ उत्सर्जन घटाने की अपील की

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ‘‘तेजी से’’ उत्सर्जन घटाने की अपील की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : September 16, 2021/3:44 pm IST

जिनेवा, 16 सितंबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने बृहस्पतिवार को ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में ‘‘त्वरित और बड़े पैमाने पर’’ कटौती करने की अपील की ताकि वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी और जलवायु आपदा से बचा जा सके।

संयुक्त राष्ट्र महासभा की अगले हफ्ते होने वाली वार्षिक बैठक से पहले एंतोनियो गुतारेस ने सरकारों को आगाह किया कि अनुमान की तुलना में जलवायु परिवर्तन ज्यादा तेजी से हो रहा है और जीवाश्म ईंधनों से होने वाला ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन बढ़ गया है।

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सहायता से तैयार रिपोर्ट को जारी करते हुए गुतारेस ने कहा कि हाल में अमेरिका में इडा चक्रवात से लेकर पश्चिमी यूरोप में बाढ़ और प्रशांत महासागर के उत्तर-पश्चिम में खतरनाक लू से पता चलता है कि जलवायु से जुड़ी आपदाओं से कोई भी देश सुरक्षित नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘ये बदलाव सबसे बुरे दौर की शुरुआत भर हैं।’’ उन्होंने सरकारों से अपील की कि 2015 के पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को पूरा करें।

गुतारेस ने कहा, ‘‘जब तक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में तुरंत बड़े पैमाने पर कटौती नहीं होगी, तब तक हम वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने में सक्षम नहीं होंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके परिणाम बहुत घातक होंगे।’’

‘यूनाईटेड इन साइंस 21’ नाम की रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र की छह संस्थाओं और वैज्ञानिक संगठनों ने शोध कर यह निष्कर्ष निकाला है कि मानव निर्मित उत्सर्जन, रिकॉर्ड उच्च तापमान और आपदाओं के बीच सीधा संबंध है और इनका व्यक्तियों एवं समाज पर काफी असर पड़ता है जिसमें ‘‘केवल तापमान बढ़ने के कारण अरबों घंटे के काम का नुकसान’’ भी शामिल है।

उन्होंने बताया कि वायुमंडल में पहले ही काफी उत्सर्जन है जिसके कारण आगे भी प्रभाव अवश्य पड़ने वाला है।

रिपोर्ट के लेखकों ने कहा, ‘‘ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के महत्वाकांक्षी कार्य के बावजूद समुद्र के स्तर का बढ़ना जारी रहेगा और पूरी दुनिया में निचले क्षेत्रों के प्रायद्वीप एवं तटीय आबादी को खतरा उत्पन्न होगा।’’

एपी नीरज मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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