लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के दूत ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले इस्तीफे की पेशकश की |

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के दूत ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले इस्तीफे की पेशकश की

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के दूत ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले इस्तीफे की पेशकश की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : November 24, 2021/10:22 am IST

न्यूयॉर्क, 24 नवंबर (एपी) लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष दूत देश में राष्ट्रपति चुनाव से कुछ हफ्ते पहले इस्तीफा देने वाले हैं। इस चुनाव को लगभग एक दशक की अराजकता के बाद लीबिया की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

जान कुबिस ने सेवा में रहने के सिर्फ 10 महीने बाद पद छोड़ने का फैसला किया। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लीबिया में 24 दिसंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं और संयुक्त राष्ट्र ‘‘लीबिया में नेतृत्व की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।’’

उन्होंने कुबिस के जाने का कोई कारण नहीं बताया, लेकिन कहा कि राजदूत के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ कोई मतभेद नहीं थे। जिनेवा में मौजूद कुबिस के, अपने इस्तीफे से पहले बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की होने वाली बैठक में इस बारे में सूचित करने की उम्मीद है।

कुबिस स्लोवाकिया के पूर्व विदेश मंत्री रहे हैं, जो पहले इराक और अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के उच्च-स्तरीय पदों पर नियुक्त थे। वह जनवरी में लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक मिशन के प्रमुख बने।

2011 में नाटो समर्थित विद्रोह में तानाशाह मोअम्मर कज्जाफी को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, जिसके बाद लीबिया में उथल-पुथल मच गई थी। बाद में कज्जाफी मारे गए। तेल सम्पन्न राष्ट्र तब सैन्य कमांडर खलीफा हिफ्टर द्वारा समर्थित और त्रिपोली में संयुक्त राष्ट्र समर्थित प्रशासन में विभाजित हो गया। प्रत्येक पक्ष को विभिन्न मिलीशिया और विदेशी ताकतों का समर्थन मिला।

संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाली वार्ता ने इस साल की शुरुआत में लीबिया में एक संक्रमणकालीन सरकार के गठन का समर्थन किया, जिसका उद्देश्य देश में दिसंबर में चुनाव आयोजित कराना था। जिनेवा में कुबिस ने चुनाव के महत्व पर जोर दिया है।

दुजारिक के अनुसार, कुबिस का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से लागू नहीं होगा। लेकिन उन्होंने यह भी नहीं बताया कि यह कब तक लागू होगा। उन्होंने जोर दिया कि चुनाव प्रक्रिया को समर्थन देने के लिए विश्व निकाय लगातार काम कर रहा है।

(एपी) सुरभि मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers