अमेरिकी अदालत ने नीरव मोदी, उसके सहयोगियों की याचिका खारिज की |

अमेरिकी अदालत ने नीरव मोदी, उसके सहयोगियों की याचिका खारिज की

अमेरिकी अदालत ने नीरव मोदी, उसके सहयोगियों की याचिका खारिज की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : October 19, 2021/11:14 am IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 19 अक्टूबर (भाषा) नीरव मोदी को झटका देते हुए अमेरिका की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी और उसके दो साथियों की उस याचिका को ठुकरा दिया जिसमें उन्होंने तीन कंपनियों के एक न्यासी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज करने के अनुरोध किया था।

तीन अमेरिकी कंपनियों फायरस्टार डायमंड, फैंटेसी इंक और ए जैफ के अदालत द्वारा नियुक्त न्यासी रिचर्ड लेविन ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में ये आरोप लगाए हैं। पहले इन तीनों कंपनियों का स्वामित्व अप्रत्यक्ष रूप से 50 वर्षीय नीरव मोदी के पास था।

लेविन ने मोदी और उसके साथियों मिहिर भंसाली एवं अजय गांधी को कर्ज देने वालों को हुए ‘‘नुकसान’’ के लिए 1.5 करोड़ डॉलर का न्यूनतम मुआवजा भी मांगा है।

दिवालिया होने संबंधी मामलों की सुनवाई कर रही न्यूयॉर्क की अदालत के न्यायाधीश सीन एच लेन ने गत शुक्रवार को यह आदेश जारी किया जो भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी और उसके साथियों के लिए एक झटका है।

ब्रिटेन की एक जेल में बंद नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में धोखाधड़ी और धन शेाधन के आरोपों का सामना करने के लिए प्रत्यर्पण के भारत के प्रयासों को चुनौती दे रहा है।

भारतीय अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अदालत के न्यायाधीश लेन ने स्पष्ट फैसले में अमेरिकी न्यासी रिचर्ड लेविन की संशोधित शिकायत खारिज करने के अनुरोध वाली, अभियुक्त नीरव मोदी, महिर भंसाली और अजय गांधी की याचिका ठुकरा दी है।’’

60 पृष्ठों के आदेश के बारे में जानकारी देते हुए बत्रा ने बताया कि नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक और अन्य से एक अरब डॉलर की धोखाधड़ी की योजना बनाकर कंपनी के शेयर मूल्य को गलत तरीके से बढ़ाने के लिए अतिरिक्त बिक्री के तौर पर मुनाफा फिर से अपनी कंपनी में ही लगाया।

बत्रा ने कहा, ‘‘लेकिन वे बैंक धोखाधड़ी के जरिये अपनी कंपनियों से गलत तरीके से प्राप्त धन को हासिल करने के लिए तथा अपने निजी फायदे के वास्ते धन की निकासी को छिपाने के लिए एक और धोखाधड़ी में शामिल हो गए और उन्होंने इसे इस तरह दिखाया जैसे यह सामान्य व्यापारिक लेनदेन हो।’’

अदालत के आदेश के अनुसार, लेविन की याचिका में नीरव मोदी की छह साल की अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी, धन शोधन और गबन साजिश के परिणामस्वरूप कर्जदारों और उनकी संपदा को नीरव मोदी तथा उसके साथियों से पहुंचे नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति करने का अनुरोध किया गया है।

इस बीच, ब्रिटेन के क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने अगस्त में कहा था कि वह नीरव मोदी को भारत सरकार को प्रत्यर्पित करने के आदेश के खिलाफ अपील करने की हीरा कारोबारी को अनुमति देने के लंदन उच्च न्यायालय के फैसले की समीक्षा कर रहा है।

अदालत में भारतीय प्राधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले सीपीएस ने कहा कि अपील पर दो आधारों पर सुनवाई हो सकती है जिसमें हीरा कारोबारी का मानसिक स्वास्थ्य भी शामिल है।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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