अमेरिकी सीनेट ने बंदूक हिंसा पर रोक लगाने संबंधी विधेयक को मंजूरी दी |

अमेरिकी सीनेट ने बंदूक हिंसा पर रोक लगाने संबंधी विधेयक को मंजूरी दी

अमेरिकी सीनेट ने बंदूक हिंसा पर रोक लगाने संबंधी विधेयक को मंजूरी दी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : June 24, 2022/12:48 pm IST

वाशिंगटन, 24 जून (एपी) अमेरिका में पिछले कुछ समय में हुई सामूहिक गोलीबारी की कई घटनाओं के मद्देनजर संसद ने बंदूक हिंसा पर रोक लगाने से उद्देश्य से पेश किए गए उस विधेयक को बृहस्पतिवार को आसानी से मंजूरी दी, जिसे पारित करना करीब एक महीने पहले अकल्पनीय प्रतीत हो रहा था।

अब यह विधेयक प्रतिनिधि सभा में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। देश में बंदूक हिंसा के खिलाफ उठाया गया सांसदों का पिछले कुछ दशकों में यह सबसे बड़ा कदम है।

रिपब्लिकन पार्टी हथियारों की बिक्री पर रोक लगाने के डेमोक्रेटिक प्रयासों को वर्षों से बाधित कर रही थी, लेकिन न्यूयॉर्क और टेक्सास में हुई गोलीबारी की घटनाओं के मद्देनजर डेमोक्रेटिक पार्टी के अलावा कुछ रिपब्लकिन सांसदों ने इस बार फैसला किया कि इस संबंध में संसद की निष्क्रियता अब स्वीकार्य नहीं है। दो सप्ताह तक चली वार्ता के बाद दोनों दलों के सांसदों के एक समूह ने यह विधेयक पेश करने संबंधी समझौता किया, ताकि इस प्रकार का रक्तपात देश में दोबारा नहीं हो।

13 अरब डॉलर के इस विधेयक के तहत कम उम्र के बंदूक खरीदारों की पृष्ठभूमि की जांच कड़ी की जाएगी और राज्यों को खतरनाक समझे जाने वाले लोगों से हथियार वापस लेने का अधिकार दिया जाएगा। इसके अलावा विद्यालयों की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य एवं हिंसा की रोकथाम के स्थानीय कार्यक्रमों को निधि मुहैया कराई जाएगी।

सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने कहा, ‘‘बंदूक हिंसा हमारे देश को जिन तरीकों से प्रभावित करती है, यह विधेयक उन सबका समाधान नहीं है, लेकिन यह सही दिशा में उठाया गया बहुप्रतीक्षित कदम है। बंदूक से सुरक्षा संबंधी यह विधेयक पारित करना वास्वत में अहम है और इससे लोगों की जान बचेगी।’’

इस विधेयक को सीनेट में 33 के मुकाबले 65 मतों से पारित किया गया। विधेयक पारित करने के लिए 60 मतों की आवश्यकता थी। इसके समर्थन में डेमोक्रेटिक पार्टी के सभी 50 सदस्यों एवं निर्दलयीय समर्थकों के अलावा रिपब्लिकन पार्टी के 15 सदस्यों ने मतदान किया। प्रतिनिधि सभा में इस पर शुक्रवार को मतदान होने की संभावना है और वहां इस विधेयक का पारित होना तय माना जा रहा है।

एपी सिम्मी शोभना

शोभना

 

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