रूसी हमले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गुट को चीन के खिलाफ विकसित करना चाहता है अमेरिका |

रूसी हमले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गुट को चीन के खिलाफ विकसित करना चाहता है अमेरिका

रूसी हमले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गुट को चीन के खिलाफ विकसित करना चाहता है अमेरिका

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : May 26, 2022/6:57 pm IST

वाशिंगटन, 26 मई (एपी) अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि बाइडन प्रशासन का लक्ष्य यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का विरोध करने वाले अंतरराष्ट्रीय गुट को चीन के खिलाफ व्यापक गठबंधन के तौर पर विकसित करने का है जिसे वह वैश्विक व्यवस्था के लिये ज्यादा गंभीर व दीर्घकालिक खतरे के तौर पर देखता है।

अधिकारियों ने कहा कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन बृहस्पतिवार के भाषण में प्रशासन की चीन नीति को रेखांकित करते हुए 21वीं सदी के आर्थिक और सैन्य संतुलन को परिभाषित करने की दौड़ में बीजिंग के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक दृष्टिकोण रखेंगे।

अमेरिका रूस को अंतरराष्ट्रीय स्थिरता के लिए सबसे तीव्र और तत्कालिक खतरे के रूप में देखता है लेकिन अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन का मानना है कि चीन एक बड़ा खतरा है और वह (अमेरिका) दुनिया भर में चीनी आक्रामकता को कम करने के लिए अपने संसाधनों, मित्रों और सहयोगियों को सुव्यवस्थित कर रहा है।

अधिकारियों ने स्वीकार किया कि अमेरिका के पास चीन के इरादों और महत्वाकांक्षाओं को सीधे प्रभावित करने की सीमित क्षमता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन इसके बजाए चीन के आसपास के रणनीतिक माहौल को आकार देने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर पत्रकारों से ब्लिंकन के उस भाषण का पूर्वावलोकन करने के लिए बात की, जिसे जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में दिया जाएगा। भाषण राष्ट्रपति जो बाइडन की दक्षिण कोरिया और जापान की हाल ही में संपन्न यात्राओं के बाद हो रहा है, जहां व्यापक रूप से चीन पर चर्चा हुई थी।

उस यात्रा के दौरान बाइडन ने भृकुटि तानते हुए कहा था कि चीन द्वारा आक्रमण की स्थिति में ताइवान को अपनी रक्षा करने में मदद करने के लिए अमेरिका सैन्य रूप से कार्य करेगा। चीन द्वीप (ताइवान) को एक स्वपक्ष त्यागी राष्ट्र मानता है।

प्रशासन ने जोर देकर कहा कि बाइडन अमेरिकी नीति नहीं बदल रहे थे और अधिकारियों ने कहा कि ब्लिंकन फिर से दोहराएंगे कि अमेरिका ने अपनी स्थिति नहीं बदली है। ब्लिंकन कहेंगे कि वाशिंगटन अब भी अपनी “एक चीन” नीति पर कायम है, जो बीजिंग को मान्यता देती है लेकिन ताइपे के साथ अनौपचारिक संबंधों और हथियारों की बिक्री की अनुमति देती है।

अधिकारियों ने कहा कि ब्लिंकन यह बात रखेंगे कि यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर हुई वैश्विक प्रतिक्रिया एक ऐसे सांचे के तौर पर काम करेगी जो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से देशों के बीच संबंधों को निर्देशित करने वाले नियमों और संस्थानों को बदल नई विश्व व्यवस्था कायम करने के चीन के प्रयासों से निपटने के काम आएगी।

एक अधिकारी ने कहा कि ब्लिंकन श्रोताओं को बताएंगे कि “पुतिन को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से रोककर, हम मानते हैं कि हम दूसरों द्वारा अव्यवस्था व चुनौतियों के खिलाफ बचाव और समर्थन के लिए अपने हाथों को मजबूत कर रहे हैं।” अधिकारी ने कहा, ब्लिंकन संज्ञान लेंगे कि “चीन एक ऐसा देश है जिसके पास अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की एक अलग दृष्टि को आगे बढ़ाने के इरादे के साथ-साथ आर्थिक, तकनीकी, सैन्य और राजनयिक साधन भी हैं।”

अधिकारियों के अनुसार, ब्लिंकन कहेंगे कि प्रशासन का इरादा रूस के खिलाफ यूक्रेन के समर्थन में अपनी सफलता का लाभ उठाने के लिए अमेरिकी सहयोगियों और भागीदारों को चीन का मुकाबला करने के लिए संरेखित करना है।

एपी

प्रशांत पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)