वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा
वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा
ओस्लो, 10 अक्टूबर (एपी) वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की शुक्रवार को घोषणा की गई। मारिया को एक ऐसी महिला के रूप में मान्यता दी गई है, जिन्होंने “गहराते अंधकार के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए रखी है।”
नॉर्वे की नोबेल समिति के अध्यक्ष जॉर्गन वात्ने फ्रिडनेस ने कहा कि वेनेजुएला में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विपक्ष की उम्मीदवार रहीं मारिया को राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार के खिलाफ कभी गहरे तक विभाजित विपक्ष को ” एकजुट करने वाली महत्वपूर्ण शख्सियत” के रूप में सराहा गया है।
फ्रिडनेस ने कहा, “मारिया पिछले एक साल से छिपकर रहने के लिए मजबूर हैं। जान को गंभीर खतरे के बावजूद वह देश में ही हैं और इस फैसले ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है।” उन्होंने कहा, “जब अधिनायकवादी सत्ता पर कब्जा कर लेते हैं, तो आजादी की रक्षा करने वाले उन साहसी नायकों को मान्यता देना अहम हो जाता है, जो आवाज उठाते हैं और प्रतिरोध करते हैं।”
फ्रिडनेस ने समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि समिति घोषणा से कुछ देर पहले मारिया से संपर्क करने में सफल रही थी, जिन्होंने इस पुरस्कार के लिए चुने जाने पर “विस्मय व्यक्त किया।”
मारिया के करीबी सहयोगी एडमंडो गोंजालेज (जो स्पेन में निर्वासन में रह रहे हैं) ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह फोन पर उनसे बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में मारिया को गोंजालेज से यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मैं आश्चर्यचकित हूं। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है।”
गोंजालेज ने मारिया को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के फैसले पर खुशी जाहिर की। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यह हमारी आजादी और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक महिला और लोगों की लंबी लड़ाई को मिली बहुत ही उपयुक्त मान्यता है।”
इस हफ्ते अपना 58वां जन्मदिन मनाने वाली मारिया को राष्ट्रपति चुनाव में मादुरो के खिलाफ लड़ना था, लेकिन सरकार ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। इसके बाद गोंजालेज को राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया। यह उनके जीवन का पहला चुनाव था। चुनावी प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर दमन देखा गया, जिसमें विरोधी उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराया जाना, उनकी गिरफ्तारी और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन शामिल था।
विरोधियों का दमन तब और बढ़ गया, जब मादुरो के वफादारों से भरी देश की राष्ट्रीय चुनाव परिषद ने चुनावी शुचिता से समझौते के विश्वसनीय सबूतों के बावजूद उन्हें (मादुरो को) विजेता घोषित कर दिया।
चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद देशभर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर बल प्रयोग किया गया, जिसमें कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई। इस घटनाक्रम के बाद वेनेजुएला के अर्जेंटीना सहित विभिन्न देशों के साथ राजनयिक संबंध समाप्त हो गए।
मारिया अज्ञात स्थान पर चली गईं और उन्हें जनवरी से किसी सार्वजनिक मंच पर नहीं देखा गया है। वेनेजुएला की एक अदालत ने चुनाव नतीजों के प्रकाशन को लेकर गोंजालेज के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसके बाद वह स्पेन में निर्वासन में चले गए, जहां उन्हें शरण मिल गई।
वेनेजुएला की राजधानी काराकास में लोगों ने मारिया के नोबेल शांति पुरस्कार जीतने की खबर पर विस्मय व्यक्त किया। 32 वर्षीय सांड्रा मार्टिनेज ने कहा, “मुझे नहीं पता कि स्थिति सुधारने के लिए क्या किया जा सकता है, लेकिन वह (मारिया) इसकी (नोबेल शांति पुरस्कार की) हकदार हैं। वह एक महान महिला हैं।”
मारिया और गोंजालेज को पिछले साल यूरोपीय संघ (ईयू) के सर्वोच्च मानवाधिकार सम्मान ‘सखारोव पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली 20वीं महिला
-नोबेल शांति पुरस्कार एकमात्र नोबेल पुरस्कार है, जो ओस्लो (नॉर्वे) में प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार अब तक 112 लोगों को दिया जा चुका है। मारिया इस पुरस्कार को हासिल करने वाली 20वीं महिला हैं।
चिकित्सा, भौतिकी, रसायन विज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में 2025 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा पिछले दिनों स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में की जा चुकी है। अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता का नाम सोमवार को घोषित किया जाएगा।
एपी
पारुल पवनेश
पवनेश

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