ईरान में हिंसक प्रदर्शन जारी, सरकारी टेलीविजन ने मृतकों की संख्या 26 बताई |

ईरान में हिंसक प्रदर्शन जारी, सरकारी टेलीविजन ने मृतकों की संख्या 26 बताई

ईरान में हिंसक प्रदर्शन जारी, सरकारी टेलीविजन ने मृतकों की संख्या 26 बताई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : September 23, 2022/5:33 pm IST

दुबई, 22 सितंबर (एपी) पुलिस हिरासत में एक युवती की मौत के बाद शुक्रवार की सुबह पूरे ईरान में प्रदर्शनकारी सुरक्षाबलों के साथ भिड़ गए। सरकारी टेलीविजन ने बताया कि हिंसा में मरने वालों की संख्या 26 तक हो सकती है। देश की महिलाएं इस्लामिक ड्रेस कोड के खिलाफ सड़कों पर उतर आई हैं।

कई ईरानी शहरों और कस्बों में विरोध का दायरा स्पष्ट नहीं है। यह आंदोलन 2019 के आंदोलन के बाद व्यापक अशांति को दर्शाता है। मानवाधिकार समूहों ने 2019 में हुए आंदोलन के बारे में कहा था कि कि इसमें सैकड़ों लोग मारे गए।

इंटरनेट पर नजर रखने वाले नेटब्लॉक्स के अनुसार, ईरान ने इंटरनेट तक पहुंच को भी बाधित कर दिया है। रैलियों के आयोजन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया मंचों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

सरकारी टेलीविजन पर एक समाचारवाचक ने बृहस्पतिवार देर रात कहा कि 22 वर्षीय महसा अमिनी के अंतिम संस्कार के पश्चात पिछले शनिवार को हुए विरोध प्रदर्शन के बाद से 26 प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी मारे गए हैं।

उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़े बाद में जारी किए जाएंगे, लेकिन बीते समय में हुईं घटनाओं में ईरान सरकार ने मरने वालों की संख्या आधिकारिक तौर पर जारी नहीं की है।

सरकारी और अर्ध-सरकारी मीडिया के बयानों के आधार पर द एसोसिएटेड प्रेस के एक आंकड़े के अनुसार हिंसा में कम से कम 11 लोग मारे गए हैं।

हाल में, काज़्विन के डिप्टी गवर्नर अबोलहसन कबीरी ने कहा था कि उत्तर-पश्चिमी प्रांत के दो शहरों में हुई हिंसा में एक आम नागरिक और अर्धसैनिक बल के एक अधिकारी की मौत हो गई।

ईरान में मौजूदा हिंसा उत्तर-पश्चिमी कुर्द शहर की युवती अमिनी की मौत के बाद शुरू हुई, जिसे पिछले हफ्ते तेहरान में देश की नैतिकता पुलिस ने सख्त ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

उसकी मृत्यु पर पश्चिमी देशों और संयुक्त राष्ट्र ने ईरान की तीखी निंदा की है और घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया है।

वीडियो में दिखता है कि अमिनी ने अपनी गिरफ्तारी के समय एक लंबा काला और राज्य-शासित इस्लामिक हिजाब पहना हुआ था।

घटना के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं हिजाब के विरोध में सड़कों पर उतर आई हैं और ‘‘स्वतंत्रता’’ के नारों के बीच कई महिलाओं द्वारा हिजाब जलाए जाने के वीडियो सामने आए हैं।

कुछ लोग शासन पर इस्लामी धर्मगुरुओं का प्रभाव खत्म किए जाने का आह्वान कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी ‘तानाशाह को मौत’ और ‘मुल्लाओं को जाना होगा’ जैसे नारे लगाते नजर आते हैं। तेहरान और मुशाद शहरों में महिलाओं ने व्यापक प्रदर्शन किया है।

एपी

नेत्रपाल मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)