‘हम एकजुट हैं तो अधिक शक्तिशाली और बेहतर हैं’:प्रधानमंत्री मोदी |

‘हम एकजुट हैं तो अधिक शक्तिशाली और बेहतर हैं’:प्रधानमंत्री मोदी

‘हम एकजुट हैं तो अधिक शक्तिशाली और बेहतर हैं’:प्रधानमंत्री मोदी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : September 26, 2021/12:36 am IST

(योषिता सिंह)

न्यूयॉर्क, 25 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 महामारी से लड़ाई के साझा अनुभव ने लोगों को यह सीख दी है कि जब वे एकजुट हैं तो वे अधिक ”शक्तिशाली एवं बेहतर” हैं।

”ग्लोबल सिटिजन लाइव” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कई पीढ़ियां उस तरीके को याद रखेंगी, जिस तरह से महामारी के दौरान हर चीज पर मानवीय लचीलापन भारी रहा।

मोदी ने एक वीडियो संदेश में कहा, ” अब लगभग दो साल होने को हैं जब मानवता सदी में एक बार आने वाली वैश्विक महामारी से लड़ रही है। महामारी से लड़ाई के हमारे साझा अनुभवों ने हमे सीख दी है- जब हम एकजुट हैं, तो हम अधिक शक्तिशाली और बेहतर हैं।”

उन्होंने कहा कि दुनिया ने इस सामूहिक भावना की झलक उस समय देखी जब कोविड-19 योद्धाओं, डॉक्टरों, नर्स और चिकित्साकर्मियों ने महामारी को मात देने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया।

मोदी ने कहा, ” हमने ये भावना अपने वैज्ञानिकों में देखी जिन्होंने रिकॉर्ड समय में टीका विकसित किया।”

दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन का खतरा मंडराने की चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को कम करने का सबसे आसान और सबसे सफल तरीका प्रकृति के अनुरूप जीवनशैली अपनाना है।

मोदी ने कहा, ”जलवायु परिवर्तन का खतरा हमारे सामने मंडरा रहा है। दुनिया को यह स्वीकार करना होगा कि वैश्विक वातावरण में किसी भी बदलाव की शुरुआत सबसे पहले स्वयं से होती है।”

उन्होंने कहा, ”महात्मा गांधी शांति और अहिंसा पर अपने विचारों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह दुनिया के महानतम पर्यावरणविदों में भी शुमार हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी शून्य कार्बन उत्सर्जन वाली जीवनशैली की अगुवाई की थी।

उन्होंने यह भी कहा कि गरीब को सरकार पर और अधिक निर्भर बनाकर गरीबी से नहीं लड़ा जा सकता।

मोदी ने कहा, ” गरीबी से तब लड़ा जा सकता है जब गरीब व्यक्ति सरकारों को ऐसे भरोसेमंद साझेदार के रूप में देखना शुरू कर दें जो उन्हें गरीबी के दुष्चक्र को हमेशा के लिए तोड़ने के वास्ते सक्षम बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराए। जब गरीबों को सशक्त बनाने के लिए शक्ति का उपयोग किया जाता है, तो उन्हें गरीबी से लड़ने की ताकत मिलती है।”

भाषा शफीक प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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