मॉस्को, 28 फरवरी (एपी) रूस के कई मीडिया संस्थानों की वेबसाइट सोमवार को हैक हो गईं जिसमें यूक्रेन पर मॉस्को के हमले की निंदा करने वाला संदेश उनके मुख्य पेज पर दिखाई दे रहा था, जबकि कई अन्य को रूसी अधिकारियों ने युद्ध की कवरेज को लेकर अवरुद्ध कर दिया था।
मीडिया को निशाना बनाना आम रूसियों के बीच बढ़ती युद्ध-विरोधी भावना का संकेत देता है, भले ही यह पता नहीं है कि हैकिंग के लिए कौन जिम्मेदार है। इससे असंतोष को दबाने के लिए सरकार के लगातार जारी प्रयास का प्रमाण भी मिलता है।
रूस के सरकारी संचार और मीडिया वाचडॉग ‘रोसकोम्नाडज़ोर’ ने आक्रमण की कवरेज को लेकर कई रूसी और यूक्रेनी मीडिया संस्थानों को अवरुद्ध कर दिया।
रूस की पत्रिका द न्यू टाइम्स, जो क्रेमलिन की खुले तौर पर आलोचना करती रही है, को यूक्रेन में रूस के सैनिकों के हताहत होने संबंधी विवरण देने की वजह से अवरुद्ध कर दिया गया। रूस के रक्षा मंत्रालय ने अपने सैनिकों के हताहत होने संबंधी विवरण का खुलासा नहीं किया है।
पूरे रूस में पिछले चार दिनों से आक्रमण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जबकि लगभग 10 लाख लोगों ने युद्ध को समाप्त करने की मांग करते हुए एक ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रदर्शनकारियों को बड़े पैमाने पर हिरासत का सामना करना पड़ा है, जबकि अधिकारियों ने सोशल मीडिया तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया है और विभिन्न स्वतंत्र समाचार वेबसाइट को बंद करने की धमकी दी है।
सरकारी समाचार एजेंसी तास, क्रेमलिन समर्थक समाचार पत्र इज़वेस्टिया, सेंट पीटर्सबर्ग न्यूज आईसाइट फोंटंका और कई अन्य को सोमवार को हैकिंग का सामना करना पड़ा जिनके मुख्य पेज पर युद्ध विरोधी संदेश दिखाई दिया।
एपी नेत्रपाल माधव
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