सौ वर्षीय लोगों से कभी क्यों नहीं लेनी चाहिए पोषण संबंधी सलाह

सौ वर्षीय लोगों से कभी क्यों नहीं लेनी चाहिए पोषण संबंधी सलाह

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  • Publish Date - May 12, 2024 / 06:00 PM IST,
    Updated On - May 12, 2024 / 06:00 PM IST

(ब्रैडली इलियट, मनोविज्ञान के वरिष्ठ व्याख्याता, वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय)

लंदन, 12 मई (द कन्वरसेशन) सौ या 110 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले लोगों पर रिपोर्टिंग करने का एक घिसा-पिटा तरीका है कि उनसे कुछ भिन्न प्रकार का प्रश्न पूछा जाए, जैसे: “इतने लंबे समय तक जीवित रहने के लिए आपने क्या किया?”

इस सवाल के कुछ दिलचस्प और अप्रत्याशित उत्तर मिलते आए हैं कि वे हर शुक्रवार मछली और चिप्स का सेवन करते हैं। प्रतिदिन एक गिलास शराब पीते हैं। हर सुबह नाश्ते में बेकन खाते हैं। शराब और चॉकलेट का सेवन करते हैं।

हालांकि इस सवाल से हमें यह समझने में मदद नहीं मिलती कि कुछ लोग इतने लंबे समय तक क्यों जीवित रह पाए हैं। आइए मैं खूबसूरत इमारतों, लड़ाकू विमानों और आंकड़ों के माध्यम से यह समझाने की कोशिश करता हूं कि ऐसा क्यों है।

दूसरे विश्वयुद्ध में, मित्र देशों के सांख्यिकीविदों ने अपने हुनर का इस्तेमाल करते हुए दुश्मन के हमलों में तहस-नहस हुए बमवर्षक विमानों की संख्या कम करके बताई। हमले करके लौटे बमवर्षक विमानों को हुई क्षति के पैटर्न का अध्ययन करके, विमान के सबसे अधिक क्षतिग्रस्त हिस्सों के नक्शे तैयार किए जा सकते हैं ताकि इन हिस्सों में महंगे, भारी कवच लगाए जा सकें।

वाल्ड का तर्क इसके बिलकुल विपरीत है। वे जिन विमानों का अध्ययन कर रहे हैं वे सभी वे विमान हैं जो व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे, लेकिन उनका क्या जो वापस नहीं लौटे?

इस घटना को सांख्यिकीय पूर्वाग्रह के रूप में जाना जाता है, जिसमें केवल उन विमानों की गिनती की गई जो गिने जा सकते थे, लेकिन उनकी अनदेखी की गई जो नष्ट हो चुके थे।

आप इन उदाहरणों को बेतुकापन कह सकते हैं। लेकिन ऐसे 100 लोगों के एक समूह की कल्पना करें, जिनमें से सभी ने अपना पूरा जीवन धूम्रपान किया है। एक समूह के रूप में, धूम्रपान करने वालों की कैंसर, फेफड़ों की बीमारी या हृदय रोग से मृत्यु हो गई, लेकिन एक या दो लोग जिंदा बच गए और 100 वर्ष की आयु तक पहुंच गए।

अब कल्पना करें कि एक पत्रकार उस भाग्यशाली व्यक्ति का उसके 100वें जन्मदिन पर उस क्लासिक प्रश्न के साथ साक्षात्कार कर रहा है: “आप अपनी उम्र बढ़ने का श्रेय किसको देते हैं?”

ऐसे में सौ साल की आयु तक पहुंचा वह व्यक्ति कहता है “दिन में एक पैक धूम्रपान करना।”

यह स्पष्ट प्रतीत होता है लेकिन उत्तरजीविता पूर्वाग्रह समाज में हर जगह है। हम सभी उस प्रसिद्ध अभिनेता या उद्यमी के बारे में सोच सकते हैं जो प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद सफल हुआ, जिसने कड़ी मेहनत की, खुद पर विश्वास किया और एक दिन सफल हुआ। लेकिन हमने उन अनगिनत लोगों के उदाहरणों के बारे में कभी नहीं पढ़ा या सुना है जिन्होंने प्रयास किया, अपना सबकुछ दे दिया और कभी सफल नहीं हो सके।

यह एक अच्छी मीडिया स्टोरी नहीं है। लेकिन इससे एक पूर्वाग्रह पैदा होता है, हम मुख्य रूप से सफलताओं के बारे में सुनते हैं, असफलताओं के बारे में नहीं।

मैं विभिन्न प्रकार के वृद्ध लोगों के साथ काम करता हूं और अकसर उनमें अत्यधिक उम्र वाले लोग भी शामिल होते हैं जो बहुत अधिक उम्र तक जीवित रहते हैं। फिलहाल हम 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर अध्ययन कर रहे हैं जो बुढ़ापे में भी असामान्य रूप से उच्च स्तर का व्यायाम करते हैं और जिनका स्वास्थ्य उत्कृष्ट है।

वे वृद्ध मनुष्यों के अभूतपूर्व उदाहरण हैं, उनमें से कई मुझसे अधिक तेज़, फिट और मजबूत हैं।

हम जानते हैं कि व्यायाम के कारण बुढ़ापे तक उनका स्वास्थ्य असामान्य रूप से अच्छा होता है, लेकिन हम सीधे तौर पर यह नहीं कह सकते कि यही उनकी सेहत का राज है। ऐसा हो सकता है कि अत्यधिक सक्रिय लोग कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों से सुरक्षित रहें। लेकिन यह भी हो सकता है कि ये लोग बुढ़ापे में भी इसलिए सक्रिय हों क्योंकि वे अपने जीवन में पहले कैंसर, मधुमेह या हृदय रोग से पीड़ित नहीं हुए हों।

इसके विपरीत, कुछ अज्ञात तीसरा कारक भी हो सकता है जिसे हमने अभी तक नहीं पहचाना है ।

शारीरिक रूप से बहुत सक्रिय होना, बहुत अधिक न खाना और धूम्रपान न करना, ये सभी स्वस्थ रहने के नुस्खों में शामिल हैं, साथ ही आम तौर पर जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से भी आपका जीवन लंबा होता है।

(द कन्वरसेशन)

जोहेब नेत्रपाल

नेत्रपाल