संयुक्त राष्ट्र में दो साल में पहली बार होगी विश्व नेताओं की बैठक

संयुक्त राष्ट्र में दो साल में पहली बार होगी विश्व नेताओं की बैठक

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  • Publish Date - September 21, 2021 / 04:47 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

न्यूयार्क, 21 सितंबर (एपी) दुनिया भर के नेता दो साल में पहली बार मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में एकत्र होंगे और विभिन्न संकटों से निपटने को लेकर चर्चा करेंगे। इन मुद्दों में अब भी लोगों को डरा रही कोविड-19 महामारी और धरती का लगातार गर्म होना शामिल हैं।

इसके अलावा अमेरिका व चीन के बीच बढ़ता तनाव, नए तालिबान शासकों के तहत अफगानिस्तान का अस्थिर भविष्य और यमन, सीरिया तथा इथियोपिया के टिग्रे क्षेत्र में संघर्ष जैसे मुद्दे भी बने हुए हैं।

पिछले साल कोई भी नेता संयुक्त राष्ट्र नहीं आए थे क्योंकि उस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही थी। इसलिए उनके पहले से रिकार्ड किए गए भाषण ही हुए। इस वर्ष, महासभा ने नेताओं को न्यूयार्क आने या ऑनलाइन संबोधित करने का विकल्प दिया था। 100 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों ने महासभा कक्ष में उपस्थित होने का निर्णय लिया।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे तथा दुनिया की स्थिति को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और प्रगति के रास्ते आने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिए एक दृष्टिकोण रखेंगे।

परंपरा के अनुसार बैठक को संबोधित बोलने वाला सबसे पहला देश ब्राजील है और उसके राष्ट्रपति राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने अभी तक कोविड टीका नहीं लगवाया है। उन्होंने पिछले दिनों फिर कहा था कि वह कोविड टीके लेने की जल्दबाजी में नहीं हैं। उन्होंने टीका नहीं लगवाने को सही ठहराते हुए कहा कि वह कोविड -19 से पीड़ित थे और इसलिए उनके शरीर में एंटीबॉडी का उच्च स्तर है।

मंगलवार की सुबह जिन तीन वक्ताओं पर सबसे ज्यादा नजर रहेगी, उनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ईरान के नवर्निवार्चित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी शामिल हैं। चीनी राष्ट्रपति वीडियो के जरिये संबोधन देंगे।

संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक आम बैठक के उद्घाटन से पहले गुतारेस ने सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा क अगर अमेरिका और चीन अपने ‘पूरी तरह से ठंडे ‘ संबंधों को दुरूस्त नहीं करते, तो दुनिया एक नए और संभवत: अधिक खतरनाक शीत युद्ध की ओर बढ़ सकती है।

एपी अविनाश मनीषा

मनीषा