सुसनेर। Chunavi Chaupal in Susner छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अब विधानसभा चुनाव होने में महज कुछ ही महीने बाकी है। सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं। लिहाजा अब दोनों राज्यों की सियासत भी गर्म होने लगी है और पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। नेता अब अपने क्षेत्र के मतदताओं को रिझााने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर स्थानीय जनप्रतिनिधि और विधायक अपने-अपने क्षेत्र के दौरे पर भी जा रहे हैं।
Chunavi Chaupal in Susner इस चुनावी साल में विधायकों के प्रदर्शन और क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की बात भी जरूरी है। इसलिए हम आपके बीच आ रहे हैं और आपसे आपके क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों और विधायकों के प्रदर्शन पर बातचीत करेंगे। आज हम पहुंचे हैं मध्यप्रदेश के सुसनेर विधानसभा सीट पर…
सुसनेर विधानसभा सीट आगर जिले में आती है। यहां वर्तमान में निर्दलीय के विक्रम सिंह राणा विधायक है। यहां साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुरलीधर पाटीदार और बीजेपी महेंद्र सिंह परिहार के बीच कांटे की टक्कर थी। लेकिन जीत निर्दलीय विक्रम सिंह राणा की हुई। विक्रम सिंह राणा ने 75804 वोटों से चुनाव जीता। लेकिन अब विधायक विक्रम सिंह राणा बीजेपी में शामिल हो गए है।
2013 के चुनाव में बीजेपी के मुरलीधर पाटीदार ने कांग्रेस के अंबावतिया वल्लभ भाई को 27 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। इस चुनाव में मुरलीधर पाटीदार को 79018 वोट मिले थे तो वहीं अंबावतिया वल्लभ भाई को 51342 वोट मिले थे।
2008 के चुनाव की बात करें तो इस बार भी बीजेपी को जीत मिली थी। संतोष जोशी को यहां की जनता ने चुना था। उन्होंने कांग्रेस के राणा विक्रम सिंह को 11 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। संतोष जोशी को 66224 वोट मिले थे तो वहीं राणा विक्रम सिंह को 54289 वोट मिले थे।
सुसनेर विधानसभा सीट पर मुद्दों की कोई कमी नहीं है। बिजली, पानी समेत कई ऐसे मुद्दें है, जिससे आम नागरिकों को दो-चार होना पड़ता है। जब हमने लोगों से बात की तो विधायक और विकास को लेकर मिलाजुला जवाब मिला। एक वरिष्ठ मतदाता ने कहा कि यहां किसानों का ये हाल हो गया है कि आज कोई पूछने वाला नहीं है।
अधिकारियों ने कोई जांच नहीं की। फसलों की हुई नुकसान से किसी भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला। वहीं दूसरे मतदाता ने बताया कि यहां के हर युवा रोजगार के लिए कही न कही भटक रहें हैं। यहां किसी को भी रोजगार के अवसर प्राप्त नहीं हुए।