Kanhaiya lal Sahu : रायपुरः माटी की कोख पर जब भी कोई नन्हा पौधा झांकता है, समझ लीजिए.. वो किसान के पसीने से नहाकर जीवंत हुआ है। किसान वो है जो खुद कष्ट सहकर दुनिया का पेट भरता है । मौसम से लड़कर, चुनौतियों को हराकर अपनी जिंद से वो खेतों हरा-भरा करता है। अपनी जनसरोकार की भूमिका को निभाते हुए आईबीसी24 लगातार प्रदेश के हौसलामंद किसानों को सम्मान का एक मंच दे रहा है। इस साल भी छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के उन्नत किसानों को IBC24 भुईंयां के भगवान सम्मान से सम्मानित किया गया। ग्राम भैंसामुड़ी निवासी कन्हैया साहू उन किसानों में शामिल है, जिन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया।
Kanhaiya lal Sahu : ऐसे समय में जब लोग ज्यादा से ज्यादा रासायनिक खादों का प्रयोग कर रहे हैं ग्राम भैंसामुड़ी निवासी कन्हैया साहू ने पारंपरिक खेती को महत्व देने का फैसला किया है। गांव में सरकार के सहयोग से गौठान बना तो वहां गोबर खाद उपलब्ध हो गया। कन्हैया ने तय किया कि वे ज्यादा से ज्यादा गोबर खाद का प्रयोग धान की खेती में करेंगे और इस तरह रासायनिक खाद की मात्रा उन्होंने घटा दी। आज गांव के गौठान से ज्यादा से ज्यादा गोबर खाद लेकर उनकी खेती हो रही है और पिछले वर्ष उन्होंने 24 क्विंटल धान लिया था और इस बार 26 क्विंटल उत्पादन होने की उम्मीद उन्हें है। गोबर खाद पर उनके इस भरोसे के चलते आसपास के गांवों के किसानों को भी गौठान की उपयोगिता समझ आ रही है।