प्रकाश पर्व पर पटना साहिब आने वाले सिख श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार बिहार: पर्यटन मंत्री

प्रकाश पर्व पर पटना साहिब आने वाले सिख श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार बिहार: पर्यटन मंत्री

प्रकाश पर्व पर पटना साहिब आने वाले सिख श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार बिहार:  पर्यटन मंत्री
Modified Date: December 22, 2025 / 03:51 pm IST
Published Date: December 22, 2025 3:51 pm IST

पटना, 22 दिसंबर (भाषा) बिहार के पर्यटन मंत्री अरुण शंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के 359वें प्रकाश पर्व के अवसर पर पटना साहिब आने वाले देश-विदेश के सिख श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए राज्य पूरी तरह तैयार है।

प्रसाद ने पर्यटन विभाग कार्यालय में प्रकाश पर्व की तैयारियों को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

उन्होंने बैठक में श्रद्धालुओं और संगतों के लिए पर्यटकीय सुविधा, आवास और सूचना केंद्र से जुड़ी व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की तथा अधिकारियों को सभी कार्य समयबद्ध व जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।

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पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बैठक में बताया कि विभाग की ओर से सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और श्रद्धालुओं के ठहराव के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त टेंट सिटी का निर्माण कराया गया है।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही पर्यटक सूचना केंद्र भी स्थापित किए गए हैं ताकि संगतों को आवश्यक जानकारी सहज रूप से उपलब्ध हो सके।

प्रकाश पर्व के अवसर पूरे दुनिया से सिख श्रद्धालु पटनासाहिब आते हैं।

पर्यटन मंत्री ने समीक्षा बैठक के बाद पटना साहिब स्थित कंगन घाट पर निर्माणाधीन टेंट सिटी का निरीक्षण किया औक श्रद्धालुओं के ठहरने, खानपान, पेयजल, चिकित्सा, यातायात और सूचना केंद्र सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

उन्होंने इस दौरान संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रद्धालुओं को हर स्तर पर सुरक्षित और आरामदायक अनुभव सुनिश्चित किया जाए तथा सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें।

प्रसाद ने कहा, “श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाश पर्व पर पटना साहिब आने वाली सिख संगतों के स्वागत की जिम्मेदारी हमारे लिए सौभाग्य की बात है। बिहार सरकार का उद्देश्य है कि हर श्रद्धालु यहां की आतिथ्य परंपरा, स्वच्छता और सेवा भावना का अनुभव करे। यह आयोजन बिहार की सांस्कृतिक प्रतिष्ठा और धार्मिक पर्यटन को नई पहचान देगा।”

भाषा कैलाश जितेंद्र

जितेंद्र


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