बिहार: मृत मानकर दाह संस्कार किये जाने के एक महीने बाद किशोर जिंदा लौटा |

बिहार: मृत मानकर दाह संस्कार किये जाने के एक महीने बाद किशोर जिंदा लौटा

बिहार: मृत मानकर दाह संस्कार किये जाने के एक महीने बाद किशोर जिंदा लौटा

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Modified Date: April 18, 2025 / 10:36 PM IST
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Published Date: April 18, 2025 10:36 pm IST

दरभंगा, 18 अप्रैल (भाषा) बिहार के दरभंगा जिले में जिस 17 वर्षीय लड़के को एक महीने से अधिक समय पहले मृत मान लिया गया था और उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था, वह जीवित लौट आया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि किशोर के परिवार को सरकार से चार लाख रुपये का मुआवजा भी मिला था, क्योंकि ऐसा माना जा रहा था कि 26 फरवरी को ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई थी।

दरभंगा के अनुमंडलीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अमित कुमार ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम मामले की जांच कर रहे हैं और उस व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं जिसका अंतिम संस्कार किया गया था। जीवित लौटे किशोर से भी पुलिस पूछताछ करेगी, क्योंकि दावा किया जा रहा है कि उसे कुछ लोगों ने अगवा कर लिया था।’’

स्थानीय लोगों के अनुसार, किशोर के परिवार ने आठ फरवरी को मब्बी पुलिस में उसकी गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

पुलिस ने बताया, ‘‘26 फरवरी को अल्लालपट्टी इलाके में रेल पटरी के किनारे एक क्षत-विक्षत शव मिला था। शव की पहचान नहीं हो पा रही थी, लेकिन अधिकारियों ने पुष्टि की कि यह लापता किशोर का अवशेष है, जिसके बाद शव को परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया।’’

पुलिस के मुताबिक बृहस्पतिवार को किशोर दरभंगा जिला न्यायालय में पेश हुआ और दावा किया कि उसका अपहरण कर लिया गया था।

उसने अदालत को बताया कि वह अपने इलाके में क्रिकेट खेल रहा था, तभी तीन-चार लोग उसके पास आए और उसके मुंह को कपड़ा से दबा दिया। किशोर के मुताबिक इसके बाद क्या हुआ उसे याद नहीं है।

किशोर के बयान के मुताबिक बाद में एहसास हुआ कि उसे नेपाल ले जाया गया है। हालांकि, वह अपने अपहरणकर्ताओं से मुक्त होने में कामयाब रहा और अंततः घर लौट आया।

लड़के ने अदालत को यह भी बताया कि उसने सबसे पहले अपने भाई को वीडियो कॉल करके बताया था कि वह जीवित है।

किशोर के मुताबिक उसका भाई उसे वापस लाने के लिए नेपाल गया। इसके बाद पुलिस के समक्ष मामला दर्ज कराने के बजाय उसने सीधे अदालत में पेश होने का विकल्प चुना।

भाषा धीरज वैभव

वैभव

 

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