अभियंताओं को प्रबंधन कौशल में दक्ष बनाने के लिए बिहार के जल संसाधन विभाग, बोधगया आईआईएम के बीच हुआ समझौता

अभियंताओं को प्रबंधन कौशल में दक्ष बनाने के लिए बिहार के जल संसाधन विभाग, बोधगया आईआईएम के बीच हुआ समझौता

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  • Publish Date - September 30, 2022 / 10:15 PM IST,
    Updated On - November 28, 2022 / 10:46 PM IST

पटना, 30 सितंबर (भाषा) बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा की उपस्थिति में विभाग के अभियंताओं को समय, वित्त और कार्य संस्कृति प्रबंधन के कौशल में दक्ष बनाने के लिए शुक्रवार को भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), बोधगया के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।

पटना के ज्ञान भवन में आयोजित समारोह में समझौपा पत्र पर आईआईएम बोधगया की निदेशक विनीता एस सहाय और जल संसाधन विभाग की संस्था ‘वाटर एंड लैंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट’ (वाल्मी) के निदेशक पद्माकांत झा ने हस्ताक्षर किये।

इस समझौते का उद्देश्य आईआईएम, बोधगया द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिये जल संसाधन विभाग के अभियंताओं एवं पदाधिकारियों के समय प्रबंधन, अर्थ प्रबंधन तथा कार्य संस्कृति प्रबंधन कौशल में वृद्धि करना है, ताकि वे अधिक दक्षता के साथ विभाग की योजनाओं में योगदान कर सकें।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने उम्मीद जताई कि यह समझौता राज्यहित में एक बेहद महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम से अभियंताओं एवं पदाधिकारियों का कौशल और मनोबल बढ़ेगा तथा राज्यहित में उनके ज्ञान एवं कौशल विकास का सर्वोत्तम उपयोग हो सकेगा।

झा ने कहा ‘‘बिहार का नेतृत्व एक इंजीनियर मुख्यमंत्री के हाथों में है। उनका हमेशा से जोर रहा है कि योजनाएं समय पर पूरी हों और उनमें दुनिया की आधुनिकतम तकनीक का समावेश किया जाये। यह तभी संभव होगा, जब विभाग के इंजीनियर देश-दुनिया की नई तकनीक से निरंतर अपडेट होते रहेंगे, समय प्रबंधन और परियोजना की राह में आड़े आ रही चुनौतियों से निपटने में दक्ष होंगे। मुझे विश्वास है कि आईआईएम प्रशिक्षण इस दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।’’

इस मौके पर जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा ‘‘विभाग के अभियंताओं को आईआईएम द्वारा मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दिलाने का उद्देश्य अभियंताओं को एक बेहतर प्रोजेक्ट मैनेजर बनाना भी है। इससे विभाग की योजनाओं के बेहतर प्रबंधन में तथा प्रदेश में बाढ़ और सूखे के प्रभाव को कम करने वाली योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन में मदद मिलेगी। ’’

भाषा अनवर नोमान मनीषा

मनीषा