चिराग पासवान ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की

चिराग पासवान ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की

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  • Publish Date - January 18, 2022 / 10:39 PM IST,
    Updated On - November 28, 2022 / 10:28 PM IST

पटना, 18 जनवरी (भाषा) लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार के राज्यपाल फागू चौहान से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने को लेकर केंद्र से अनुशंसा करने की मंगलवार को मांग की।

पासवान ने फागू चौहान को लिखे पत्र में कहा, ‘‘बिहार में जहरीली शराब पीने से खासतौर पर गरीब तबके के लोगों की लगातार मौत हो रही है। इस तरह की एक के बाद एक हो रही घटनाएं चिंताजनक एवं व्यथित करने वाली हैं। मैं नालंदा में ऐसी ही घटना से अपनी जान गंवाने वाले लोगों के पीड़ित परिजनों से मिला। उनसे तथा स्थानीय लोगों से प्राप्त जानकारी से यही पता चला कि ऐसी घटनाएं प्रशासनिक लापरवाही एवं शराब के अवैध निर्माण एवं कारोबार करने वालों की प्रशासनिक मिलीभगत के कारण होती हैं।’’

उन्होंने राज्यपाल से कहा, ‘‘राज्य के कई जिलों में जहरीली शराब ने कई घरों को उजाड़ दिया। सरकार और स्थानीय प्रशासन यदि ईमानदार भूमिका निभाते, तो इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति संभव नहीं थी।’’

पासवान ने अपने पत्र में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास गृह विभाग की भी जिम्मेदारी है, लेकिन राज्य में लगातार आपराधिक घटनाएं हो रही हैं एवं शराबबंदी के बावजूद इसका कारोबार फल-फूल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि मुख्यमंत्री जी अपनी इस जिम्मेदारी के निर्वहन में लगातार विफल साबित हो रहे हैं। इसका खामियाजा राज्य के निर्दोष लोगों को उठाना पड़ रहा है।’’ उन्होंने राज्यपाल से कहा, ‘‘इन तथ्यों के संदर्भ में मेरी आपसे गुजारिश है कि राज्य तथा राज्यवासियों के हित में बिहार में अविलंब राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए केंद्र सरकार से अपनी अनुशंसा करने की कृपा करें। इसके लिए राज्य के लोग आपके आभारी रहेंगे।’’

उल्लेखनीय है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब पीने से हाल में 11 लोगों की जान चली गयी।

पासवान ने मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में नालंदा में जहरीली शराब कांड में जान गंवाने वालों के परिवारों को 25-25 लाख रुपए और मृतकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है।

भाषा अनवर सिम्मी

सिम्मी