जहांगीरपुरी हिंसा से सनातनी सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने की साजिश का खुलासा, एनआरसी जरूरी- गिरिराज

जहांगीरपुरी हिंसा से सनातनी सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने की साजिश का खुलासा, एनआरसी जरूरी- गिरिराज

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  • Publish Date - April 22, 2022 / 12:08 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 12:35 AM IST

पटना, 21 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि जहांगीरपुरी में हालिया सांप्रदायिक हिंसा ने देश के सनातनी सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने की साजिश को उजागर किया है और इसने देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

बेगूसराय लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किए गए एक संक्षिप्त वीडियो संदेश में इस आशय पर टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया, ‘‘वोट के सौदागर ने जहांगीपुरी घटना को लेकर माहौल खराब करने की कोशिश की है। क्या वे वही नहीं हैं जिन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और उससे पहले राम जन्मभूमि आंदोलन के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद किया था। ये ऐसे तत्व हैं जो देश में शरिया कानून लागू करना चाहते हैं और हिजाब के समर्थन में आंदोलन करना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे तत्व रामनवमी के जुलूसों पर पथराव करने के पीछे थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर गोलियां चला रहे थे। वे टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थन में खड़े हैं।’’ केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘देश अब ऐसे मोड़ पर पहुंच गया है जहां कोई (अहमद) मुर्तजा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले गोरखधाम मंदिर पर हमला कर सकता है और एक शरजील इमाम खुले तौर पर भारत के विघटन का आह्वान कर सकता है। इसलिए अब यह आवश्यक है कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाए। इस मुद्दे पर बहस हो।’’

भाजपा नेता ने एक ऐसा मुद्दा उठाते हुए जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है, कहा कि दुनिया के सभी देशों में कुछ न कुछ दस्तावेज हैं जिन्हें नागरिकों को अपने पहचान के प्रमाण के रूप में ले जाने की जरूरत पड़ती है।

उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वसम्मति से जिसमें भाजपा के सदस्य भी शामिल थे, एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें कहा गया था कि राज्य में एनआरसी की आवश्यकता नहीं है। बाद में सार्वजनिक रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया था कि एनआरसी लाने पर विचार नहीं किया गया।

भाषा अनवर सुरभि

सुरभि