मनोज झा का 'ठाकुरों' का अपमान करने का नहीं था:लालू |

मनोज झा का ‘ठाकुरों’ का अपमान करने का नहीं था:लालू

मनोज झा का 'ठाकुरों' का अपमान करने का नहीं था:लालू

:   Modified Date:  September 28, 2023 / 11:33 PM IST, Published Date : September 28, 2023/11:33 pm IST

पटना, 28 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने ‘ठाकुरों’ का अपमान करने के आरोपों का सामना कर रहे अपनी पार्टी के राज्यसभा सदस्य मनोज झा का बृहस्पतिवार को समर्थन करते हुए कहा कि उनका इरादा किसी समुदाय का अपमान करने का नहीं था।

दरअसल, पार्टी प्रवक्ता झा ने राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा करते हुए प्रसिद्ध दलित लेखक ओम प्रकाश वाल्मिकी द्वारा लिखित एक कविता ‘‘ठाकुर का कुआं’’ का पाठ किया था। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झा पर ‘ठाकुरों’ का अपनाम करने का आरोप लगाया है। राजद विधायक चेतन आनंद ने भी झा की आलोचना की थी।

लालू ने झा की सार्वजनिक तौर पर आलोचना करने के लिए अपनी पार्टी के विधायक चेतन आनंद को भी आड़े हाथों लिया।

राजद सुप्रीमो ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “मनोज झा एक विद्वान व्यक्ति हैं। उन्होंने जो कहा है वह बिल्कुल सही है। उनका इरादा राजपूतों/ठाकुरों या किसी अन्य समुदाय का अपमान करने का नहीं था।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, “जो लोग मनोज झा के बयान पर शोर मचा रहे हैं, वे अपनी जाति के सदस्यों का समर्थन जुटाने की कोशिश में ऐसा कर रहे हैं। उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए।’

जब प्रसाद से विधायक चेतन आनंद और उनके पिता आनंद मोहन सिंह द्वारा झा पर ‘ब्राह्मण श्रेष्ठवाद’ का आरोप लगाए जाने को लेकर सवाल पूछा गया तो राजद सुप्रीमो ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘जब उनके पास इतनी कम बुद्धि हो तो क्या करें?”

झा ने राज्यसभा के सदस्य ने अपने भाषण में समाज के कमजोर वर्गों की महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए एक भावपूर्ण दलील दी थी। उनका यह भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

उन्होंने आरोप लगाया था कि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करते समय कमजोर वर्गों की महिलाओं के लिए संसद और राज्य विधानसभाओं में सीटें सुनिश्चित करने में विफल रहा।

झा ने अपनी टिप्पणी में कहा था, ‘हम सभी के भीतर एक ठाकुर (शब्द का अक्सर इस्तेमाल भूमि-स्वामी वर्ग के लिए भी किया जाता) है, हमें इसे ख़त्म करना होगा।’

बहरहाल, राजद सुप्रीमो से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी मुलाकात के बारे में पूछा गया। मीडिया के एक वर्ग में ऐसी अटकलें थी कि जद (यू) नेता कुमार इस विवाद से नाखुश हैं और प्रसाद उन्हें समझाने गए थे।

हालांकि, प्रसाद ने कहा, “वह (कुमार) मुख्यमंत्री हैं। हम गठबंधन सहयोगी हैं। कई बार वह मेरे घर आए हैं। आज मैंने उनसे मिलने का फैसला किया। कोई बड़ी बात नहीं है।’

इस बीच, राजद के प्रदेश प्रवक्ता ऋषि मिश्रा द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा गया, जिसमें बिहार के कई भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए बयानों के आलोक में झा के लिए ‘वाई श्रेणी की सुरक्षा’ की मांग की गई।

मिश्रा ने विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह और नीरज कुमार सिंह ‘बबलू’ के बयानों का हवाला दिया, जिन्होंने ने झा को कथित रूप से धमकी दी थी।

मिश्रा ने कहा कि झा ‘एक शांत प्रिय व्यक्ति हैं और सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। मिश्रा ने शाह से ‘खतरे की धारणा पर गंभीरता से ध्यान देने’ का आग्रह किया।

भाषा अनवर नोमान

नोमान

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)