जातीय जनगणना के मुद्दे पर एक जून को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे नीतीश कुमार : मंत्री

जातीय जनगणना के मुद्दे पर एक जून को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे नीतीश कुमार : मंत्री

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  • Publish Date - May 25, 2022 / 10:42 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 12:46 PM IST

पटना, 25 मई (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में अगले सप्ताह यहां सर्वदलीय बैठक होगी, जिसमें राज्य स्तर पर जातीय जनगणना कराने के तौर-तरीकों पर चर्चा होगी।

बिहार के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बुधवार को कहा कि सभी राजनीतिक दलों को एक जून को होने वाली बैठक के लिए अपने प्रतिनिधियों को भेजने के लिए संदेश भेजा गया है।

उन्होंने कहा कि बैठक अपराह्न चार बजे मुख्यमंत्री सचिवालय में होगी। उम्मीद है कि सभी दल इसमें शामिल होंगे और अपने-अपने सुझाव देंगे जिसके आधार पर मंत्रिपरिषद आवश्यक आदेश पारित करेगी।

उल्लेखनीय है कि जातीय जनगणना की मांग ने पिछले कुछ समय से बिहार में जोर पकड़ा है। प्रारंभ में पार्टियों का विचार था कि यह केंद्र द्वारा कराया जाएगा। जाति आधारित आखिरी जनगणना 1921 में हुई थी।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर इसकी मांग की थी। हालांकि, केंद्र सरकार ने अंततः अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अलावा अन्य सामाजिक समूहों की गणना कराने में असमर्थता व्यक्त की।

जातीय जनगणना की मांग संख्यात्मक रूप से शक्तिशाली अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) द्वारा किया गया जो बिहार की राजनीति पर हावी है। खासकर 1990 के दशक से जब मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया था।

इसलिए यह मांग की गई थी कि यदि केंद्र इसे अपने स्तर पर कराने को अनिच्छुक है, तो राज्य अपने खर्च पर यह गणना करवाए। नीतीश कुमार जो खुद ओबीसी समुदाय से आते हैं और मंडल युग के दौरान सक्रिय रहे थे, ने इस मांग पर सहमति जताई थी।

हालांकि, केंद्र की भाजपा सरकार पर राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना की मांग को ठुकराने के आरोप लग रहे हैं। वहीं, पार्टी इस बात को रेखांकित करने की कोशिश कर रही है कि उसने कभी भी जातीय जनगणना का विरोध नहीं किया है और उसके सदस्यों ने राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा पारित दो प्रस्तावों का समर्थन किया था।

बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जयासवाल ने एक ट्वीट के जरिए कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने एक जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। भारतीय जनता पार्टी भी उसमें भाग लेगी।’’

इस बीच बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने दावा किया कि जातीय जनगणना की मांग उसके नेता तेजस्वी यादव द्वारा किए जाने के बाद यह मुद्दा बना।

राजद नेता राजद नेता श्याम रजक ने कहा कि तेजस्वी की पहल पर एक प्रतिनिधिमंडल जिसके वह भी हिस्सा थे, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से मिला था। उन्होंने कहा कि तेजस्वी के लगातार दबाव ने राज्य सरकार को आगे बढ़ने के लिए मजबूर किया है।

कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने संकेत दिया था कि बैठक 27 मई को हो सकती है। हालांकि, इस तिथि को इस तथ्य के मद्देनजर संभवत: टाल दिया गया कि राज्य में प्रमुख दल जिनमें मुख्यमंत्री की पार्टी जदयू, भाजपा और राजद शामिल हैं, वर्तमान में पांच राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव में व्यस्त हैं।

इन पार्टियों ने अबतक अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है जबकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मई है।

भाषा अनवर धीरज

धीरज