बतंगड़: क्रिकेटीय तमाशे ने छीन ली 11 जिंदगी |

बतंगड़: क्रिकेटीय तमाशे ने छीन ली 11 जिंदगी

बतंगड़: क्रिकेटीय तमाशे ने छीन ली 11 जिंदगी | The cricket spectacle took away 11 lives

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Modified Date: June 5, 2025 / 05:12 PM IST
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Published Date: June 5, 2025 4:43 pm IST

सौरभ तिवारी

कभी धार्मिक आस्था के चलते ‘श्रद्धालु’ कुचले जाते हैं तो कभी सेलिब्रेटीज के ‘फैन’ अपनी जान गंवाते हैं। भगदड़ से होने वाली मौतों के आंकड़ों में 11 का इजाफा और हो गया। ये 11 मृतक RCB टीम के समर्थक थे जो उसके IPL विजेता बनने के मौके पर आयोजित हुए जश्न समारोह में अपने चहेते खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिए पहुंचे थे। ये सरासर सरकारी बदइंतजामी, क्राउड मैनेजमेंट का फेल्युअर था जिसकी कीमत 11 लोगों को अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ी।

बेंगलुरू में भगदड़ से हुई मौतों पर हो रही सियासी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप से इतर एक सवाल ये उठता है कि आखिर ये कौन लोग होते हैं जो इस कदर दीवानगी का शिकार होकर अपनी जान गंवा देते हैं। ये उन्मादी आसक्ति कभी आस्था के नाम पर धार्मिक आयोजनों पर भगदड़ी मौत की वजह बनती है तो कभी ये दीवानगी बनकर पसंदीदा सेलिब्रेटी की झलक पाने की लालसा रखने वालों की जान ले लेती है। दीवानगी के जानलेवा जुनून बनने की कई वजहें हो सकती हैं। धर्म, क्षेत्रीयता, विचारधारा, मान्यता और अपनी निजी पसंद-नापसंद के आधार पर लोगों का अपना-अपना खेमा बनाना और उसके प्रति अपना समर्थन व्यक्त करना सहज स्वाभाविक मानवीय प्रवृत्ति है। लेकिन IPL जैसे विशुद्ध क्रिकेटीय तमाशे में किसी पेशेवर टीम को लेकर पैदा होने वाली जानलेवा दीवानगी वाकई स्तब्ध करते हुए मनोवैज्ञानिक जटिलताओं को उजागर करती है।

सबको पता है कि IPL क्रिकेट के नाम पर विशुद्ध व्यापारिक तमाशेबाजी है। क्रिकेट के क्रेज को कैश करने की करामात है। IPL के नाम पर लाइव प्रसारण राइट्स, विज्ञापन, टिकट बिक्री, झंडे-पोस्टर ब्रिक्री और सट्टे के तौर पर अरबों-खरबों का वैधानिक-अवैधानिक करोबार चल रहा है। ये भी सबको पता है टीमों के गठन के पीछे कोई शुद्ध विचार नहीं बल्कि विशुद्ध व्यापार है। सेलिब्रेटियों और कारोबारियों के मालिकाना वाली अपनी-अपनी टीमें है। खिलाड़ियों की गुलामों की तरह बोली लगाकर खरीदी-बिक्री होती है। IPL के तमाशे में क्षेत्रीयता का भावनात्मक पुट देने के लिए टीमों का नाम राज्य और शहर के नाम पर रखा जाता है। जबकि टीमों के नाम से ना उन राज्यों का कोई लेना-देना है, और ना शहरों का। टीम के साथ जुड़े राज्य और शहर के टैग से ना उस टीम के मालिकों का कोई सीधा नाता होता है और ना ही खिलाड़ियों का।

कैसी विडंबना है कि जिस राज्य में भाषायी अस्मिता के नाम पर कन्नड़ भाषा नहीं बोल पाने पर गैरकन्नड़भाषियों को मारा-पीटा जाता है, उस राज्य के लोग RCB टीम में जुड़े महज बेंगलुरु शब्द के कारण उससे भावनात्मक नाता जोड़कर उसकी जीत के जश्न में अपनी जान गंवा देते हैं। तब ये सवाल क्यों गौण हो जाता है कि शराब निर्माता कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड के स्वामित्व वाली रायल चेलेंजर बेंगलुरु टीम से जुड़े कितने खिलाड़ी कन्नड़ बोलते हैं?

दरअसल बाजार के बाजीगरों को बाजारी टोटकों का खाद-पानी देकर लोगों में दीवानगी को पनपाने और फिर इसे सामूहिक मूर्खता में तब्दील करके पैसा कमाने का हुनर आता है। मैच के दौरान स्टेडियम में गालों पर टैटू बनाए, अपनी-अपनी टीम के फ्लैग को लहराते, अपने पसंदीदा खिलाड़ी का पोस्टर लहराते, चौका-छक्का लगने पर 4 और 6 नंबर का प्लेकार्ड लहराते , चीखते-चिल्लाते चियर करते दर्शक हों, या टेलिविजन में लाइव प्रसारण देखते करोड़ों व्यूवर ये सब बाजार के बाजीगरों के मोहरे मात्र हैं। बात चाहे क्रिकेट और फिल्मी दुनिया के नायकों की ओर से विज्ञापित गेमिंग एप की वैधानिक सट्टेबाजी की हो या फिर अवैध सट्टेबाजी की, करोड़ों लोग अपनी कमाई लुटाकर क्रिकेट के कारोबारियों को मालामाल बना रहे हैं। लेकिन ‘माल’ गंवाने की स्थिति जब ‘जान’ गंवाने तक पहुंच जाए तो ‘जानमाल’ का ये नुकसान वाकई चिंता का विषय बन जाता है।

सवाल उठता है कि क्या बेंगलुरु में हुई इन मौतों के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा या फिर बाकी भगदड़ों में हुई मौतों की तरह ही ये 11 मौतें भी जांच समितियों की फाइल में दर्ज होकर रह जाएंगी। यहां एक प्रसंग का उल्लेख करना लाजिमी है कि पुष्पा-2 फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान हैदराबाद के थियेटर में अल्लू अर्जुन की एक झलक पाने के लिए मची भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई थी। तब इस हादसे के लिए फिल्म एक्टर अल्लू अर्जुन को भी जिम्मेदार ठहराते हुए तेलंगाना सरकार ने उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। क्या बेंगलुरु में हुई इन 11 मौतों के लिए भी किसी सेलिब्रेटी को गैर इरादतन हत्या का आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया जाएगा?

~ सौरभ तिवारी
(लेखक IBC24 में डिप्टी एडिटर हैं)