पृथ्वी से टकरा सकता है सौर तूफान, बत्ती हो जाएगी गुल, मोबाइल नहीं करेंगे काम! वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी | A solar storm may hit the earth, the lights will go off, mobiles will not work! Scientists warn

पृथ्वी से टकरा सकता है सौर तूफान, बत्ती हो जाएगी गुल, मोबाइल नहीं करेंगे काम! वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सौर तूफान काफी खतरनाक रूप से धरती की तरफ बढ़ रहा है, अगले कुछ घंटे में ये तूफान धरती से टकरा सकता है, इससे बिजली ग्रिड ठप हो सकते हैं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:55 AM IST, Published Date : October 13, 2021/5:39 pm IST

न्यूयॉर्क। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सौर तूफान काफी खतरनाक रूप से धरती की तरफ बढ़ रहा है, अगले कुछ घंटे में ये तूफान धरती से टकरा सकता है, इससे बिजली ग्रिड ठप हो सकते हैं और बिजली की आपूर्ति बाधित हो सकती है। इसके साथ ही मोबाइल सिग्नल और जीपीएस पर भी असर पड़ सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार अंतरिक्ष से आने वाली नॉर्दन लाइट्स को अमेरिका और UK में भी देखा जा सकेगा।

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अमेरिकी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (US agency National Oceanic and Atmospheric Administration) ने अलर्ट जारी कर कहा है कि जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म से पृथ्वी के कई हिस्सों में बिजली गिर सकती है और कई जगहों पर मजबूत चुंबकीय बल हो सकता है, इससे पावर ग्रिड को भी नुकसान हो सकता है।

एजेंसी का कहना है कि तूफान का असर 11 अक्टूबर से दिखना शुरू हो जाएगा, 13 अक्टूबर को इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा, हालांकि US स्पेस वेदर प्रिडिक्शन सेंटर (SWPC) के मुताबकि ये G2 श्रेणी का तूफान है, यह कई उपग्रहों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

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धरती की मैग्नेटिक सतह हमारी मैग्नेटिक फील्ड द्वारा तैयार की गई है और यह सूरज से निकलने वाली खतरनाक किरणों से हमारी रक्षा करता है, जब भी कोई तेज रफ्तार किरण धरती की तरफ आती है तो यह मैग्नेटिक सतह से टकराती है, अगर यह सोलर मैग्नेटिक फील्ड दक्षिणवर्ती है तो पृथ्वी के विपरीत दिशा वाली मैग्नेटिक फील्ड से मिलती है, तब धरती की मैग्नेटिक फील्ड खुल जाती है और सौर्य हवाओं के कण ध्रुवों तक जाते हैं, इससे धरती की सतह पर चुंबकीय तूफान उठता है और धरती की मैग्नेटिक फील्ड में तेज गिरावट आती है, यह करीब 6 से 12 घंटों तक बरकरार रहती है। इसके कुछ दिनों के बाद मैग्नेटिक फील्ड खुद से ठीक होने लगती है।