छत्तीसगढ़ : कपटी होते हैं साधु-संत! पाठ्यक्रम में नौनिहालों को पढ़ाया जा रहा ‘पाठ’, मामले ने पकड़ा तूल
इसमें साधु की वेशभूषा में एक कपटी व्यक्ति बताते हुए पात्र परिचय दिया गया है, इसमें पठन-पाठन के लिए भी निर्देश दिया गया है कि साधु के वेश में ठगों के बारे में कक्षा में चर्चा करें।
Chhattisgarh: The ‘lesson’ being taught to the infants in the curriculum
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कक्षा पांचवीं के नौनिहालों को साधु-संतों के बारे में पाठ पढ़ाकर उन्हें कपटी बताया जा रहा है… हिंदी-छत्तीसगढ़ी-संस्कृत विषय की किताब के पाठ 25 में पेज क्रमांक 129 और 130 में “चमत्कार” शीर्षक से प्रस्तुत पाठ के लेखक जाकिर अली रजनीश हैं… इसमें साधु की वेशभूषा में एक कपटी व्यक्ति बताते हुए पात्र परिचय दिया गया है, इसमें पठन-पाठन के लिए भी निर्देश दिया गया है कि साधु के वेश में ठगों के बारे में कक्षा में चर्चा करें।
साधुओं और सनातन धर्म का अपमान
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर की ओर से निर्मित इस किताब को लेकर अब विरोध के स्वर तेज हो गए हैं.. इस मामले में बवंडर बाबा का बयान सामने आया है, उन्होंने कहा कि साधुओं और सनातन धर्म का अपमान किया जा रहा है, संतों ने इस पाठ को पाठ्यक्रम से हटाने की मांग भी की आगामी दिनों में विरोध करने की बात भी कही।
नाटक के लेखक जाकिर अली रजनीश को जानकारी नहीं
वहीं इस नाटक के लेखक जाकिर अली रजनीश ने कहा कि उन्होंने साधु की वेशभूषा में कपटी जैसे भड़काऊ शब्द का प्रयोग नहीं किया…उनके द्वारा लिखे गए नाटक का प्रकाशन किया गया और उनसे अनुमति भी नहीं ली गई… लेखक रजनीश ने कहा कि लगभग 1997 में एक पत्रिका में एकांकी छपी थी… लेकिन वर्ष 2010 में उनके बिना अनुमति लिए ही इस पाठ को प्रकाशित कर दिया गया, अब वे छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस भेजकर इसका जवाब मांगेंगे।
read more: शुरूआती महिला अंडर-19 विश्व कप: युवा खिलाड़ियों को चमकने के लिये मिलेगा वैश्विक मंच
read more: चलती बस में अचानक लगी भीषण आग। आग लगते ही यात्रियों में मची चीख-पुकार। बाल-बाल बचे सभी यात्री

Facebook



