Mahasamund Crops Fail: मिचौंग तूफान ने तोड़ी किसानों की कमर, फसलों के खराब होने से सताने लगी कर्ज चुकाने की चिंता
Mahasamund Crops Fail: मिचौंग तूफान ने तोड़ी किसानों की कमर, फसलों के खराब होने से सताने लगी कर्ज चुकाने की चिंता
Mahasamund Crops Fail
महासमुंद। Mahasamund Crops Fail: चक्रवाती तूफान “मिचौंग” के कारण महासमुंद जिले मे तीन दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बारिश व हवा के कारण धान की फसल जमीन पर गिर गई है और धान की बालिया झड़ जाने के कारण किसानो का काफी नुकसान हो गया है । जहां किसान अब सरकारी मदद की आस लगाए बैठे हैं ,वहीं कृषि विभाग के आला अधिकारी के पास नुकासन का कोई आंकड़ा नहीं है और वे किसी भी प्रकार के नुकसान से इनकार कर रहे हैं। महासमुंद जिले की 85 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। जिले में 2 लाख 68 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है और 2 लाख 60 हजार हेक्टेयर में धान ,तिलहन , सब्जी आदि की खेती होती है। इस वर्ष खरीफ मे 1 लाख 48 हजार हेक्टेयर मे धान की फसल लगाई गयी थी। जिसमें से लगभग 90 प्रतिशत धान की कटाई हो चुकी है।
Mahasamund Crops Fail: 10 प्रतिशत धान अभी भी खेत में है ,जो चक्रवात तूफान मिचौंग के कारण हो रहे बारिश मे भीग गए है , कुछ फसल हवा व पानी के कारण खेतो में गिर गई है। कुछ किसान धान की कटाई तो कर लिए थे पर धान खेतों में ही पड़ा रह गया है। वहीं कुछ किसान के धान खलिहान में पडे है ,जो बारिश के कारण भीग गए है और बालिया झड़ गयी है । जिससे किसानों का काफी नुकासन हो गया है। किसान को अब ये चिंता सता रही है कि वो ऋण कैसे चुकायेंगे। लाफिनखुर्द व बिहाझर के किसानों ने बताया कि एक एकड़ में 20 हजार की लागत आती है पर बारिश के कारण फसल बर्बाद हो गई है तो कर्ज कैसे पटाएंगे और सरकार से अब सरकारी मदद की गुहार लगा रहे हैं।

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