Narak Chaturdashi 2024 Date And Time : कब है नरक चतुर्दशी? जानिए क्या है इसका महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त
Narak Chaturdashi 2024 Date And Time : कब है नरक चतुर्दशी? जानिए क्या है इसका महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त
Narak Chaturdashi 2024 Date And Time :
Narak Chaturdashi 2024 Date And Time : हिंदू धर्म में पूजा-पाठ, तीज-त्योहारों का विशेष महत्व होता है जिसे बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ऐसे में कुछ दिनों बाद दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। दिवाली का त्योहार पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। जिसे लेकर बाजारों में भी रौनक देखने को मिल रही है। दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। इसे त्रोयदशी या धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। वहीं धनतेरस के अगले दिन और लक्ष्मी पूजा के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी मनाया जाता है। जिसे रूप चौदस या भूत चतुर्दशी और नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।
बता दें कि, यह कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती हैं. इस दिन यम का दीपक जलाया जाता है. इस दिन यमराज के अलावा भगवान कृष्ण, हनुमान जी और मां की भी पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन ही भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध कर 16,000 गोपियों को उसकी कैद से बचाया था।
नरक चतुर्दशी शुभ मुहूर्त
इस साल दिवाली की तिथि को लेकर लोगों में काफी उलझने हैं। जिसके चलते नरक चतुर्दशी की तिथि को लेकर भी लोगों के मन में उलझन है कि यह किस दिन मनाई जाएगी। ऐसे में जानते हैं कि नरक चतुर्दशी की सही तिथि साथ ही पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है। बता दें कि, कार्तिक मास के चतुर्दशी तिथि की शुरुआत बुधवार, 30 अक्टूबर 2024 को 1 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी। वहीं चतुर्दशी तिथि का समापन गुरुवार, 31 अक्टूबर 3 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी।ऐसे में इस साल नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी।
पूजा विधि
नरक चतुर्दशी के दिन यम के दीपक घर के सबसे बड़े सदस्य को जलाना चाहिए, जिसके लिए एक बड़ा चौमुखी दीपक लें और उसमें बाती लाकर तेल डालें। फिर दीपक को जलाकर घर में चारों ओर घुमाएं। उसके बाद इस दीपक को घर के बाहर कुछ दूर रख आएं। इस दौरान अन्य सदस्य घर के अंदर ही रहें।
क्या है नरक चतुर्दशी का महत्व
Narak Chaturdashi 2024 Date And Time : मान्यता है कि नरक चतुर्दशी की रात को यम का दीपक जालने और मां महाकाली की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। इस दिन प्रातः काल ब्रह्म बेला में गंगाजल और अपामार्ग युक्त पानी से स्नान करने पर साधक को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा नरक चतुर्दशी को यमदेव का दीपक जलाने से नरक के द्वार बंद कर देते हैं और अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।

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