नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवा आईपीएस अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रेनी अफसरों से उनकी ट्रेनिंग और कानून व्यवस्था को लेकर आने वाली चुनौती के बारे में जानकारी ली। चर्चा के दोरान एक पल ऐसा भी आया जब एक महिला ट्रेनी आईपीएस को प्रधानमंत्री मोदी ने टेक्सटाइल और टेरर में अंतर समझाया। पीएम मोदी ने कहा कि क्सटाइल में धागे जोड़ने होते हैं जबकि टेरर में धागे खोलने होते हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बिहार मूल की महिला आईपीएस तनुश्री पीएम नरेंद्र मोदी से रूबरू हुई। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी को बताया कि आईपीएस अफसर के तौर पर चयन होने के बाद जिला स्तरीय ट्रेनिंग के दौरान यह जानने का मौका मिला कि जम्मू-कश्मीर में इंटेलिजेंस और पुलिस मिलकर कैसे आतंकवादियों के खिलाफ लड़ती है। ट्रनिंग के दौरान टेररिस्ट ऑपरेशन में शामिल होने का भी मौका मिला।
तनुश्री ने पीएम मोदी को बताया कि हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर जुनैद कश्मीर घाटी में लड़कों की भर्ती का कामकाज देखता था। आतंकवादी जुनैद को पकड़ने के लिए सुरक्षा एजेंसियां लंबे समय से प्रयास कर रही थी। 18 जून को जम्मू कश्मीर पुलिस को सूचना मिली थी कि जुनैद अपने एक साथी के साथ घर आया हुआ है। सूचना के आधार पर पुलिस, सओजी और सीआरपीएफ ने तुरंत एक टीम बनाकर घेराबंदी की।
मैं भी उस टीम में शामिल थी, जो आतंकवादी जुनैद को पकड़ने के लिए ऑपरेशन शुरू किया था। जैसे ही हमने घेराबंदी की आतंकियों ने हम पर फायरिंग शुरू कर दी। हमले में हमारा एक साथी जवान घायल हो गया। हमने उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के साथ तब तक ऑपरेशन जब तक दोनों आतंकियों को पकड़ नहीं लिया। मेरे लिए यह एक नया अनुभव होने के साथ—साथ डरा देने वाला भी। पूरी टीम साहस और एकता का परिचय देते हुए आतंकवादी को आखिरकार पकड़ लिया।
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