क्रिप्टोकरंसी को लेकर PM मोदी ने चेताया, बोले ‘गलत हाथों में न पड़े..वरना हमारे युवाओं को तबाह कर देगी’

क्रिप्टोकरंसी को लेकर PM मोदी ने चेताया, बोले 'गलत हाथों में न पड़े..वरना हमारे युवाओं को तबाह कर देगी'

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Modified Date: November 29, 2022 / 12:34 PM IST
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Published Date: November 18, 2021 12:01 pm IST

PM Modi warns about cryptocurrency : नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘द सिडनी डायलॉग’ कार्यक्रम को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि भारत के लोगों के लिए बड़े सम्मान की बात है कि आपने मुझे सिडनी डायलॉग के संबोधन के लिए आमंत्रित किया। मैं इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उभरती डिजिटल दुनिया में भारत की केंद्रीय भूमिका की मान्यता के रूप में देखता हूं।

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PM मोदी ने कहा कि हम दुनिया का सबसे बड़ा पब्लिक इन्फॉर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर बना रहे हैं। हम दुनिया का सबसे मजबूत पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर बना रहे हैं। हम दुनिया के सबसे बड़े डेटा कंज्यूमर हैं। उन्होंने कहा कि हमारी वन नेशन-वन कार्ड स्कीम से देश के करोड़ों मजदूरों को फायदा हो रहा है। भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में नए लीडर सामने आ रहे हैं। एग्रीकल्चर और क्लीन एनर्जी में भी डिजिटल तकनीक से हम तस्वीर बदल रहे हैं।

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हालांकि, मोदी ने अपनी स्पीच में क्रिप्टो को लेकर चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, “सभी देशों को मिलकर ये तय करना होगा कि क्रिप्टोकरंसी गलत हाथों में न पड़े, वरना ये हमारे युवाओं को तबाह कर देगी।” ये पहली बार था, जब किसी सार्वजनिक मंच पर मोदी ने क्रिप्टोकरंसी पर बात की।

मोदी ने कहा कि हम बदलाव के वक्त में चल रहे हैं। ऐसे बदलाव जो युगों में होते हैं। डिजिटल युग हमारे आसपास की हर चीज को बदल रहा है। इसने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज की नई परिभाषा लिखी है। डिजिटल टेक्नोलॉजी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा, सत्ता और लीडरशिप को नया आकार दे रही है, लेकिन इसके साथ ही हम नए तरह के खतरों और विवादों का भी सामना कर रहे हैं।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि एक लोकतंत्र और डिजिटल लीडर के रूप में भारत अपनी साझा समृद्धि और सुरक्षा मे भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है। भारत की डिजिटल क्रांति लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और अर्थव्यवस्था के पैमाने में समाई है। यह हमारे युवाओं के उद्यम और इनोवेशन से चलती है।

उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा का प्रमुख साधन बन गई है, ये भविष्य की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने की कुंजी है। प्रौद्योगिकी और डेटा नए हथियार बन रहे हैं। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत खुलापन है। हमें वेस्टर्न इंटरेस्ट के स्वार्थों को इसका दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए।

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