CG Assembly Election 2023: ’90’ की बिसात, युवा किसके साथ? कौन है जो यूथ के मुद्दों को पहचानता है?
CG Assembly Election 2023: '90' की बिसात, युवा किसके साथ? कौन है जो यूथ के मुद्दों को पहचानता है?
रायपुर। CG Assembly Election 2023 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में इस बार 18 लाख वो फ्रेश युवा वोटर्स भी शामिल हैं जो पहली बार वोट करने जा रहे हैं। नई सोच-नई उर्जा वाली इस पीढ़ी को रिझाने, अपने पाले में लाने में कोई दल कसर छोड़ना नहीं चाहता। सत्ता पक्ष ने यूथ संवाद किया, मैराथन किया, चुनाव में उनके हित के वायदे भी किए। तो विपक्षी दल ने यूथ को बार-बार ये बताया और जताया कि सरकार ने उनके साथ कैसा छल किया है। अब सवाल है कि आज के सोशल मीडिया और नई फास्ट तकनीक से लैस युवा वर्ग आखिर सोच क्या रह है वो किसके पक्ष में खड़ा होगा।
CG Assembly Election 2023 छत्तीसगढ़ के कुल 2 करोड़ 3 लाख मतदाताओं में इस बार 18 लाख वो यूथ फ्रेश वोटर्स भी शामिल हैं जो पहली बार वोट डालेंगे। यानि कुल मतदाताओं का करीब 9 प्रतिशत फर्स्ट टाइम वोटर हैं। प्रदेश के चुनावी आंकड़ों के मुताबिक 2003 से 2018 तक सत्ता पक्ष और विपक्षी दल में महज 2 प्रतिशत का वोट पर्संटेज से भी कम का फर्क रहा है। बीते चुनाव 2018 को ही देखें, कांग्रेस को प्रचंड बहुमत के बावजूद बीजेपी-कांग्रेस को मिले वोट परसेंटेंज का अंतर 9 फीसदी से कम ही रहा था। यानि अकेले ये फर्स्ट टाइम वोटर वर्ग जिस तरफ खड़ा हो जाए, उसकी सरकार बना सकता है। दल इस बात को भांपकर इसे रिझाने में जुटे हैं।
कांग्रेस का दावा है उसने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया, आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल दिए, अंग्रेजी मीडियम कॉलेज दिए, हजारों सरकारी नौकरी के मौके दिए। इस बार KG से PG तक की फ्री पढ़ाई का वादा है। ऐसे में यूथ को कांग्रेस पर ही भरोसा है। वहीं, बीजेपी, काग्रेस के दावे को खारिज करते हुए सरकार पर बेरोजगारी भत्ता ना देने, भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी कर यूथ के भविष्य से खिलवाड़ के गंभीर आरोप लगा रह रही है। बीजेपी का दावा है, यूथ कांग्रेस से जुड़ ही नहीं सकता, क्योंकि पार्टी ने उन्हें लगातार धोखा दिया है। भाजपा ने अपने काल में यूथ के लिए कई काम भी गिनाए।
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वैसे कांग्रेस-बीजेपी के दावे, वार-पलटवार से कोई हैरत नहीं है। दल हैं तो अपने पक्ष में दावे तो करेंगे ही लेकिन सबसे अहम है प्रदेश का युवा क्या सोच रहा है। इन दावों और वायदों पर।
कांग्रेस फर्स्ट टाइम वोटर्स के लिए यूथ मैराथन करा चुकी है तो बीजेपी उनसे सतत संवाद का दावा करती है। पर दलों को यूथ का मैसेज एकदम साफ है। उन्हें बेहतर शिक्षा, अच्छे मौके और ठोस रोजगार चाहिए। वो नए जरूर हैं लेकिन वायदों और दावों को अपनी ही कसौटी पर परखना जानते हैं।

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