एनबीएफसी कोष के लिये स्रोत को व्यापक बनाएं, बैंकों पर निर्भरता घटाएं: आरबीआई रिपोर्ट

एनबीएफसी कोष के लिये स्रोत को व्यापक बनाएं, बैंकों पर निर्भरता घटाएं: आरबीआई रिपोर्ट

Modified Date: December 27, 2023 / 08:50 pm IST
Published Date: December 27, 2023 8:50 pm IST

मुंबई, 27 दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से कोष जुटाने के स्रोतों को व्यापक बनाने और बैंकों पर निर्भरता कम करने को कहा। आरबीआई ने इसके साथ बही-खातों को मजबूत करने और धोखाधड़ी तथा ग्राहकों से जुड़ी निजी जानकारी में सेंध से बचाव करने का उपाए करने का भी आह्वान किया।

देश में बैंकों के रुख और प्रगति-2022-23 शीर्षक से जारी केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च पूंजी अनुपात, मजबूत परिसंपत्ति गुणवत्ता और मजबूत आय वृद्धि के साथ भारत की बैंक प्रणाली और एनबीएफसी मजबूत बने हुए हैं।

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खुदरा और सेवा क्षेत्रों को कर्ज बढ़ने के साथ अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) के 2022-23 में एकीकृत बही-खाते में 12.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जमा वृद्धि भी बढ़ी है। हालांकि, यह कर्ज वृद्धि की तुलना में कम है।

इसमें कहा गया है, ‘‘बैंकों और एनबीएफसी के बीच बढ़ते आपसी संबंधों को देखते हुए, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को अपने वित्तपोषण स्रोतों को व्यापक बनाने और बैंक से कोष प्राप्त करने पर अत्यधिक निर्भरता को कम करने पर ध्यान देना चाहिए। बैंकों और एनबीएफसी दोनों को अपनी ग्राहक सेवाओं को और बेहतर बनाने पर ध्यान देने की जरूरत है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक और भुगतान प्रणाली को साइबर खतरों से उत्पन्न धोखाधड़ी और निजी जानकारी में सेंध के जोखिमों से बचाने के लिए सभी संबद्ध पक्षों को ठोस प्रयास करने की जरूरत है।

आरबीआई ने कहा है, ‘‘कुल मिलाकर, बैंकों और एनबीएफसी को भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मजबूत संचालन व्यवस्था और जोखिम प्रबंधन उपायों के माध्यम से अपने बही-खातों को और मजबूत करने की जरूरत है।’’

इसमें कहा गया है कि नई तकनीकें अपनाने के साथ साइबर हमले, निजी जानकारियों में सेंध और परिचालन विफलताओं का जोखिम भी बढ़ गया है।

संभावित कमजोरियों को कम करने के लिए बैंकों को इन प्रौद्योगिकियों और साइबर सुरक्षा जोखिमों को बेहतर ढंग से पहचानने और इनसे निपटने की जरूरत है। बैंकिंग प्रणाली के सामने आने वाले जोखिमों की उभरती प्रकृति के कारण बेहतर संचालन व्यवस्था और मजबूत जोखिम प्रबंधन उपायों के माध्यम से मजबूत बनाना होगा।

इसमें कहा गया है कि 2022-23 के दौरान बैंकों का बही-खाता अच्छी गति से बढ़ा। इस दौरान जमा और ऋण वृद्धि दोनों में तेजी आई।

रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 में शुरू हुआ बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता में सुधार 2022-23 के दौरान भी जारी रहा। यहां तक ​​कि 2023-24 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में भी सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (जीएनपीए) अनुपात में सुधार हुआ और यह 3.2 प्रतिशत रहा।

इसमें कहा गया है कि शुद्ध ब्याज आय बढ़ने और फंसे कर्ज के एवज में कम प्रावधान से वित्त वर्ष 2022-23 में शुद्ध ब्याज मार्जिन और लाभ बढ़ा है।

भाषा अनुराग रमण

रमण


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