रायपुर: Budget 2022 will prove a booster केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार अपना चौथा बजट पेश किया। कुल 39.44 लाख करोड़ का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इससे अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में 9.2 फीसदी से भी ज्यादा ग्रोथ होने का अनुमान है। पांच राज्यों के चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार ने अगले 5 साल में 60 लाख नई नौकरियां देने का वादा किया, तो गांव, गरीब और किसान के लिए भी बड़े ऐलान किए। लेकिन मोदी सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं करते हुए मिडिल क्लास को जरूर मायूस किया। तो कैसा रहा आम बजट 2022? मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ के लोगों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरा? कोरोना काल में सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था के लिए ये बूस्टर डोज साबित होगा?
Budget 2022 will prove a booster ये बजट अगले 25 साल का ब्लू प्रिंट है। संसद के अंदर करीब डेढ़ घंटे के बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ये इसे जोर देकर कहा, तो संसद के बाहर भी बीजेपी नेता इसे दोहराते नजर आए। इसके बाद पीएम मोदी ने बजट को लोगों के अनुकूल और प्रगतिशील बताया। अब सवाल ये उठता है कि कोरोना काल में पटरी से उतरी देश की अर्थव्यवस्था और महंगाई के मोर्चे पर बेदम आम जनता की उम्मीदों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मोदी सरकार वाकई खरा उतर पाए? क्योंकि न तो टैक्स स्लैब बदला, ना ही कोरोना से जुड़ी कोई रियायत है।
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वैसे यूपी समेत 5 राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए सबको उम्मीद जरूर थी कि मोदी सरकार बड़ी सौगातें देगी। लेकिन वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं करते हुए जहां सैलरीड क्लास को निराश किया, तो डिजिटल एसेट में निवेश पर 30 फीसदी का भारी भरम टैक्स भी लगा दिया। हालांकि दो साल पुराने टैक्स रिटर्न को अपडेट करने की सुविधा जरूर दी है। नौकरीपेशा लोगों को भी बजट से निराशा हाथ लगी है। विपक्ष भी बजट को निराशाजनक करार दे रहा है।
लगातार चौथी बार बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने युवाओँ और किसानों को साधने की कोशिश जरूर की है। बजट में अगले 5 साल में 60 लाख नई नौकरियां देने का प्रावधान है, तो किसानों की नाराजगी दूर करने MSP की 2.37 लाख करोड़ राशि सीधे किसानों के खाते में देने की बात कही गई है। इसके अलावा गंगा किनारे ऑर्गेनिक खेती, किसान ड्रोन, नेचुरल फॉर्मिंग, लैंड डिजिटाइजेशन को प्रमोशन देने की बात कही गई है। हालांकि पीएम किसान सम्मान निधि नहीं बढ़ने से किसानों को निराशा जरूर हाथ लगी होगी, लेकिन वित्त मंत्री ने दूर दूराज के इलाकों में विकास योजनाओं का खाका जरूर खींचा। इसके तहत PM गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत एक्सप्रेसवे बनाने की घोषणा वित्त मंत्री ने की। इसके लिए बजट में 20 हजार करोड़ का प्रावधान है..केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए 80 लाख घर बनाने का लक्ष्य भी रखा है। जबकि MSME को मजबूत करने के अगले 5 साल में 6000 करोड़ दिए जाएंगे। निर्मला सीतारमण ने आम लोगों के लिए कई सुविधाएं देने का ऐलान किया।
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वित्त मंत्री ने नेशनल पेंशन योजना में बदलाव करते हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी 14 फीसदी तक कर राहत देने की घोषणा की है। वहीं डिफेंस सेक्टर के लिए इस बार 25 फीसदी बजट बढ़ाया है। PM ई-विद्या का एक क्लास-एक टीवी चैनल प्रोग्राम 12 चैनल से बढ़ाकर 200 चैनल करने की घोषणा की गई। जबकि व्यावसायिक शिक्षा के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने का प्रावधान भी बजट में किया गया है। जाहिर तौर पर कोरोना काल में हर सेक्टर को बूस्टर डोज देना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। अब सवाल ये है कि मौजूदा हालात को देखते हुए हम इसे परफेक्ट बजट कह सकते हैं? और अगर बजट में कमियां हैं तो वो क्या हैं? अगर कसर रह गई है, तो क्या है?