नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) निजी नियोजन आधार पर जारी कॉरपोरेट बॉन्ड के माध्यम से बीते वित्त वर्ष (2023-24) में 9.98 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। यह अबतक का उच्चतम स्तर है। सालाना आधार पर यह 17 प्रतिशत अधिक है।
प्राइमडाटाबेस.कॉम ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस तेजी का कारण मजबूत आर्थिक वृद्धि के कारण ऋण मांग में बढ़ोतरी है।
यह बॉन्ड में निवेश वाले म्यूचुअल फंड से संबंधित कराधान में बदलाव और कम उधारी लागत की उम्मीदों के बावजूद आया।
वित्त वर्ष 2023-24 में सबसे अधिक धन संग्रह वित्तीय संस्थानों/बैंक श्रेणी से 4.68 लाख करोड़ रुपये रहा। यह 2022-23 में जुटाए गए 4.33 लाख करोड़ रुपये की तुलना में आठ प्रतिशत अधिक है।
निजी क्षेत्र (बैंकों या वित्तीय संस्थानों को छोड़कर) के मामले में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2022-23 में 3.44 लाख करोड़ रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 4.96 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए।
सरकारी संस्थाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए सामूहिक रूप से कुल राशि का 39 प्रतिशत जुटाया।
सरकारी संस्थाओं में, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान/बैंक 91 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ आगे रहे, इसके बाद सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की हिस्सेदारी आठ प्रतिशत रही।
धन जुटाने में सबसे आगे नाबार्ड रहा। इसने 65,393 करोड़ रुपये जुटाए। इसके बाद आरईसी ने 52,140 करोड़ रुपये, एचडीएफसी ने 46,062 करोड़ रुपये, पीएफसी ने 45,130 करोड़ रुपये और सिडबी ने 38,600 करोड़ रुपये जुटाए।
भाषा अनुराग रमण
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