सोयाबीन की पैदावार बढ़ाने में किसानों की मदद करेगा एआई से लैस ऐप
सोयाबीन की पैदावार बढ़ाने में किसानों की मदद करेगा एआई से लैस ऐप
इंदौर (मध्यप्रदेश), 10 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर ने कृषि क्षेत्र में डिजिटल सशक्तीकरण की पहल के तहत कृत्रिम मेधा (एआई) से लैस मोबाइल ऐप विकसित किया है जिससे इस तिलहन फसल की पैदावार बढ़ाने में किसानों को मदद मिलेगी। संस्थान की एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
संस्थान की प्रधान वैज्ञानिक (कम्प्यूटर ऐप्लिकेशन) सविता कोल्हे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ‘सोयाबीन ज्ञान’ नाम का यह ऐप किसानों को इस तिलहन फसल के बारे में वैज्ञानिक, सटीक और समयानुकूल जानकारी उपलब्ध कराएगा।
डॉ कोल्हे ने बताया कि साल भर में विकसित इस ऐप की सबसे बड़ी खूबी इसका एआई-आधारित तकनीकी ढांचा है जिसकी बदौलत किसानों को सोयाबीन फसल के रोगों और कीटों से निपटने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘जब किसान इस ऐप में सोयाबीन की फसल की तस्वीर डालेंगे, तो यह उन्हें फसल के रोग या कीट के बारे में तुरंत जानकारी दे देगा और जरूरी समाधान भी सुझा देगा।’’
प्रधान वैज्ञानिक ने बताया कि यह ऐप ग्रामीण क्षेत्रों के उन किसानों के लिए विशेष रूप से उपयोगी साबित हो सकता है जिन्हें तत्काल विशेषज्ञ सलाह नहीं मिल पाती है।
उन्होंने बताया कि ऐप में रोगों और कीटों के प्रकोप के बारे में मौसम आधारित पूर्वानुमान प्रणाली भी शामिल है।
डॉ कोल्हे के मुताबिक, यह प्रणाली मौसम की स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर रोगों और कीटों के संभावित प्रकोप के बारे में समय रहते चेतावनी प्रदान करती है जिससे किसान इससे निपटने के वास्ते पक्की तैयारी कर सकेंगे।
उन्होंने कहा, ‘ऐप में एआई से लैस चैटबॉट भी है जो किसानों को हर वक्त सहायता प्रदान करेगा। ऐप में मंडियों में सोयाबीन के भाव की जानकारी भी लगातार अद्यतन होती रहती है।’
कोल्हे ने बताया कि इस ऐप में कई भाषाएं चुनने के विकल्प मौजूद हैं और इसे गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
भारत अपनी जरूरत का करीब 60 फीसद खाद्य तेल आयात करता है। जानकारों का मानना है कि खाद्य तेलों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करने के लिए देश में सोयाबीन सरीखी प्रमुख तिलहन फसल की पैदावार बढ़ाए जाने की जरूरत है।
भाषा हर्ष रंजन प्रेम
प्रेम

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