विदेशों में तेजी के रुख के बीच सभी खाद्य तेल तिलहन कीमतों में सुधार |

विदेशों में तेजी के रुख के बीच सभी खाद्य तेल तिलहन कीमतों में सुधार

विदेशों में तेजी के रुख के बीच सभी खाद्य तेल तिलहन कीमतों में सुधार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : June 25, 2022/5:35 pm IST

नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच दिल्ली तेल तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सीपीओ, पामोलीन, बिनौला सहित सभी देशी तेल तिलहनों के भाव में सुधार आया।

बाजार सूत्रों ने कहा कि शिकागो एक्सचेंज शुक्रवार को दो प्रतिशत मजबूत हो गया था जिससे कारोबारी धारणा में मजबूती रही। उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये के ऐतिहासिक निम्न स्तर पर पहुंचने से भी आयात महंगा पड़ने से तेजी को बल मिला है।

सूत्रों ने कहा कि आगे जाकर देश में हल्के तेलों की दिक्कत बढ़ेगी। सरकार ने हालिया फैसले में आयातित तेलों पर आयात शुल्क में कमी की थी और हाल में विदेशों में बाजारों के टूटने से सस्ते में बाजार आयातित तेलों से पट सकता है। आयातकों ने जो लाखों टन तेल का आयात कर रखा था, अचानक भाव टूटने से उनकी हालत खस्ता है। अब उन्हें आयात कीमत के मुकाबले सस्ते दाम पर देश के बाजारों में अपने महंगे दामों पर आयात किये गये तेलों को खपाने की नौबत आयेगी ताकि वे बैंकों के कर्ज की अदायगी कर सकें। आयात शुल्क कम करने से देश को राजस्व का नुकसान अलग से है। ऐसे में देश के एसईए, सोपा जैसे कुछ प्रमुख तेल संगठनों ने भी सरकार से आयात शुल्क कम करने के फैसले पर पुनर्विचार किये जाने की जरुरत बताई है।

सूत्रों ने कहा कि विदेशों में खाद्य तेलों के भाव लगभग 50 रुपये लीटर के हिसाब से नरम हुए हैं पर इस गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच रहा है। इस समस्या को सुलझाया जाता है तो देश के खाद्यतेल तिलहन उत्पादन में ठहराव के कारणों को सही तरह से समझा जा सकेगा और इस पूरी व्यवस्था को दुरुस्त करने से समस्या सुलझने लगेगी। जब विदेशों में तेल कीमतें घटीं तो अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) का बहाना लेकर खाद्यतेलों की ऊंचे भाव पर खुदरा बिक्री का काम जारी रहा और ऐसे खुदरा व्यापारियों के साथ कोई रोक टोक न होने से उपभोक्ता अभी भी परेशान हैं।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को किसानों को प्रोत्साहन देकर तेल तिलहन का उत्पादन बढ़ाने की पहल करनी होगी और शुल्क घट बढ़ से कोई स्थायी समाधान निकलने की संभावना कम ही है।

शनिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,410-7,460 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,655 – 6,780 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,410 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,580 – 2,770 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,355-2,435 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,395-2,500 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,450 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,720 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,450 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,150 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 6,410-6,460 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 6,210- 6,260 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश प्रेम

प्रेम

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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