‘कृत्रिम मेधा का मानवता पर पड़ सकता है विनाशकारी प्रभाव, चर्चा की जरूरत’ |

‘कृत्रिम मेधा का मानवता पर पड़ सकता है विनाशकारी प्रभाव, चर्चा की जरूरत’

‘कृत्रिम मेधा का मानवता पर पड़ सकता है विनाशकारी प्रभाव, चर्चा की जरूरत’

:   Modified Date:  April 3, 2023 / 09:05 PM IST, Published Date : April 3, 2023/9:05 pm IST

नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार समेत अन्य चर्चित हस्तियों ने सोमवार को कृत्रिम मेधा (एआई) के मानवता पर पड़ने वाले संभावित विनाशकारी प्रभाव को लेकर आगाह किया और राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिये इसके उपयोग पर चर्चा का आह्वान किया।

कुमार और जोहो कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) श्रीधर वेम्बु और आईस्पर्ट फाउंडेशन के सह-संस्थापक शरद शर्मा ने एक खुले पत्र में भारत जैसे विकासशील देश के लिये कृत्रिम मेधा (एआई) की आवश्यकता को स्वीकार किया है। लेकिन इससे लाखों नौकरियों के जाने के खतरे को लेकर चिंता भी जतायी है।

पत्र में कहा गया है, ‘‘अब यह स्पष्ट है कि शक्तिशाली कृत्रिम मेधा में व्यापक स्तर पर बदलाव वाली क्षमता है। लेकिन यह अराजक स्थिति भी पैदा कर सकता है और मानवता पर संभावित विनाशकारी प्रभाव भी डाल सकता है। इस अस्तित्व संबंधी प्रश्न का उत्तर खोजना भारत सहित सभी देशों के लिये जरूरी है।’’

खुले पत्र में कहा गया है कि कृत्रिम मेधा (एआई) की क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, लेकिन आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण (जनरेटिव एआई) के उभरते गुणों को खुद उसे विकसित करने वाले भी नहीं समझा सकते।

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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