मुंबई, 20 अक्टूबर (भाषा) भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने मंगलवार को कोविड-19 से संबंधित संदेशों में भ्रामक या गुमराह करने वाले दावों पर अंकुश लगाने के उद्येश्य से विज्ञापनदाताओं के लिए ‘परामर्श’ जारी किया है।
इसमें बताया गया है कि विज्ञापनदाताओं या ब्रांड को कोविड-19 से संबंधित कोई विज्ञापन देते समय क्या करना है और क्या नहीं करना है।
विज्ञापन उद्योग के लिए स्व-नियामक निकाय ने कहा कि महामारी के दौरान बड़ी संख्या में भ्रामक संदेशों वाले विज्ञापन आए हैं।
एएससीआई की महासचिव मनीषा कपूर ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि उत्पाद और विज्ञापन उन दावों पर खरे उतरें, जिनका दावा विज्ञापन में किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि विज्ञापनदाताओं तथा विभिन्न क्षेत्रों मसलन जैवरसायन, आयुर्वेद, खाद्य एवं पोषण के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद चार-सूत्रीय परामर्श जारी किया गया है। कपूर ने कहा कि महामारी का इस्तेमाल उपभोक्ताओं को गुमराह करने के मंच के रूप में नहीं किया जा सकता।
बयान के अनुसार परामर्श में आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी उत्पाद और सेवाओं के विज्ञापनदाताओं से कोरोना वायरस से संबंधित विज्ञापन को लेकर आयुष मंत्रालय के आदेश का अनुपालन करने को कहा गया है।
इसके अलावा विज्ञापनदाताओं से कहा गया है कि वे कोरोना वायरस को छोड़कर किसी भी वायरस को समाप्त करने के दावे से बचें। यदि वे ऐसा करना भी चाहते हैं तो साथ में यह भी कहें कि यह कोविड-19 पर लागू नहीं होता।
परामर्श में कहा गया है कि विज्ञापनदाताओं को कोविड-19 संक्रमण से बचाव या इसके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दावा करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
भाषा अजय अजय मनोहर
मनोहर
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