बैंकों, एनबीएफसी में 2025 तक ईवी के लिए 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज देने की क्षमता : रिपोर्ट

बैंकों, एनबीएफसी में 2025 तक ईवी के लिए 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज देने की क्षमता : रिपोर्ट

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  • Publish Date - January 21, 2022 / 07:08 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) भारत में बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के पास इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 2025 तक 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज देने की क्षमता है। वहीं 2030 इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए उनका कर्ज 3.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

सरकारी शोध संस्थान नीति आयोग और रॉकी माउंटेन इंस्टिट्यूट इंडिया (आरएमआई) ने शुक्रवार को एक संयुक्त रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है।

‘भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैंकिंग’ शीर्षक की रिपोर्ट में देश में बिजलीचालित परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र में खुदरा ऋण के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र की पहचान के महत्व को रेखांकित किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘बैंकों और गैर बैंकिंग-वित्तीय कंपनियों में क्षमता है कि वे 2025 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 40,000 करोड़ रुपये और 2030 तक 3.7 लाख करोड़ रुपये तक का कर्ज दे सकते हैं।’’

इसमें कहा गया, ‘‘हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खुदरा वित्तपोषण उतनी रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है।’’

रिपोर्ट कहती है कि बैंकों और एनबीएफसी द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए प्रदान किए जाने वाले ऋण को रिजर्व बैंक की प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को ऋण (पीएसएल) के दिशानिर्देशों में शामिल किया जाना चाहिए।

इस रिपोर्ट के बारे में नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ाने में वित्तीय संस्थान अहम भूमिका निभा सकते हैं।

भाषा

मानसी अजय

अजय