कोरोमंडल इंटरनेशनल आंध्र प्रदेश में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश से लगाएगी कारखाना

कोरोमंडल इंटरनेशनल आंध्र प्रदेश में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश से लगाएगी कारखाना

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  • Publish Date - April 29, 2024 / 07:56 PM IST,
    Updated On - April 29, 2024 / 07:56 PM IST

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) उर्वरक कारोबार से जुड़ी कोरोमंडल इंटरनेशनल आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में फॉस्फोरिक और सल्फ्यूरिक एसिड का उत्पादन करने के मकसद से कारखाना लगाने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसने ‘‘काकीनाडा में अपनी फॉस्फोरिक एसिड-सल्फ्यूरिक एसिड कॉम्प्लेक्स संयंत्र स्थापित करने के लिए गतिविधियां शुरू कर दी है।’’

कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष अरुण अलागप्पन ने 26 अप्रैल को भूमिपूजन समारोह में भाग लिया।

सूचना में कहा गया है, ‘‘1,000 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय के साथ, परियोजना के दो साल में चालू होने की उम्मीद है। प्रस्तावित 650 टन प्रतिदिन फॉस्फोरिक एसिड संयंत्र उन्नत डीए-एचएफ (डायहाइड्रेट अटैक-हेमीहाइड्रेट फिल्ट्रेशन) प्रक्रिया प्रौद्योगिकी और स्वचालित डीसीएस प्रणाली के साथ डिजाइन की गई है।’’

इससे कच्चे माल की क्षमता में वृद्धि होगी और काकीनाडा संयंत्र की आयातित एसिड आवश्यकता के 50 प्रतिशत से अधिक की जगह उर्वरक निर्माण के लिए फॉस्फोरिक एसिड की स्थिर आपूर्ति प्रदान की जाएगी।

कंपनी अपशिष्ट ताप उत्पादन से बिजली बढ़ाने के अलावा फॉस्फोरिक एसिड निर्माण में निजी जरूरतों को पूरा करने के लिए 1,800 टन प्रतिदिन (टीपीडी) सल्फ्यूरिक एसिड प्लांट स्थापित करने की भी योजना बना रही है। फॉस्फोरिक एसिड और सल्फ्यूरिक एसिड का उपयोग डीएपी और एनपीके जैसे फॉस्फेटिक उर्वरकों के निर्माण के लिए प्रमुख कच्चे माल के रूप में किया जाता है।

लगभग 20 लाख टन की क्षमता के साथ, कोरोमंडल का काकीनाडा संयंत्र भारत की दूसरी सबसे बड़ी फॉस्फेटिक उर्वरक इकाई है और देश के एनपीके उर्वरक उत्पादन में लगभग 15 प्रतिशत का योगदान देता है।

कंपनी राज्य और केंद्र सरकारों से निवेश सहायता की भी तलाश कर रही है, जो परियोजना की व्यवहार्यता में सुधार कर सकती है और उर्वरक निर्माण में उपयोग किए जाने वाले प्रमुख कच्चे माल की आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।

भााषा राजेश राजेश रमण

रमण