बिहार सरकार 70,000 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दे पाईः कैग रिपोर्ट

बिहार सरकार 70,000 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दे पाईः कैग रिपोर्ट

बिहार सरकार 70,000 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दे पाईः कैग रिपोर्ट
Modified Date: July 24, 2025 / 10:34 pm IST
Published Date: July 24, 2025 10:34 pm IST

पटना, 24 जुलाई (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने 70,877 करोड़ रुपये के कार्यों के उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करने में नाकाम रहने पर बिहार सरकार की खिंचाई की है।

राज्य के वित्त पर कैग की वित्त वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा में पेश की गई।

इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘निर्धारित समय सीमा के भीतर उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करने की शर्त के बावजूद 31 मार्च, 2024 तक महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), बिहार को 70,877.61 करोड़ रुपये के 49,649 बकाया उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं मिले।’

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इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उपयोगिता प्रमाणपत्रों के अभाव में इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वितरित धनराशि का उपयोग इच्छित उद्देश्य के लिए किया गया है।

इसके अलावा, उपयोगिता प्रमाणपत्रों के लंबित रहने से गबन, दुरुपयोग और धन के दुरुपयोग का जोखिम बना रहता है।

कुल 70,877.61 करोड़ रुपये में से 14,452.38 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2016-17 तक की अवधि के हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज़्यादा भुगतान न करने वाले विभागों में पंचायती राज (28,154.10 करोड़ रुपये), शिक्षा (12,623.67 करोड़ रुपये), शहरी विकास (11,065.50 करोड़ रुपये), ग्रामीण विकास (7,800.48 करोड़ रुपये) और कृषि (2,107.63 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

कैग ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का कुल बजट 3.26 लाख करोड़ रुपये था और राज्य ने केवल 2.60 लाख करोड़ रुपये यानी कुल बजट का 79.92 प्रतिशत ही खर्च किया।

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘राज्य ने अपनी कुल बचत 65,512.05 करोड़ रुपये में से केवल 23,875.55 करोड़ रुपये (36.44 प्रतिशत) ही लौटाए। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य की देनदारियों में पिछले वर्ष की तुलना में 12.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


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